नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को लोगों से अनुशासन का पालन करने और कोविड -19 महामारी के दौरान खुद को बचाने के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन से धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन करते हुए आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर यह बात कही।
राष्ट्रपति ने कहा, “हम एक ऐसे महामारी के बीच में हैं, जिसने पूरी मानवता को व्याकुल कर दिया है। शायद दुनिया का कोई भी हिस्सा इस आपदा से अछूता नहीं है, और इसने हर व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। हमें कुछ अनुशासन का पालन करना होगा और शारीरिक दूरी बनाए रखनी होगी।” भगवान बुद्ध की सीखों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग के बारे में बताते हुए अपने संबोधन में कोविंद ने कहा, “इस साल दुनिया को बहुत क्षति पहुंची है, और मैं मन से चाहता हूं कि यह पवित्र दिन आशाओं की एक नई किरण और खुशी की नई लहर लेकर आए।”
Delhi: President Ram Nath Kovind inaugurates the celebrations organised by International Buddhist Confederation (IBC) on the occasion of Asadha Poornima today. pic.twitter.com/lOPHM4sCVt
— ANI (@ANI) July 4, 2020
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि यह सभी के मन में ज्ञान का दीपक जलाए।” केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (एमओएस) किरन रिजिजू और सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने भी कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान संबोधित किया। इस दिन को गुरु पूर्णिमा के तौर पर भी मनाया जाता है, जिसमें बौद्ध धर्म के लोग और हिंदु दोनों अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मानव पीड़ा के लिए बुद्ध का तरीका आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना कई साल पहले था।
It was today, on Asadha Poornima, some 2,500 yrs ago, that the Word of Wisdom was spoken out for first time. On attaining enlightenment, Buddha spent 5 weeks in a state beyond description. Then he started sharing with people the nectar he had discovered: President Ram Nath Kovind pic.twitter.com/zeHExEzMk1
— ANI (@ANI) July 4, 2020
उन्होंने कहा, “आज, दुनिया भर में महामारी मानव जीवन और अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही है, बुद्ध का संदेश एक प्रकाश की तरह काम करता है।” उन्होंने लोगों को लालच, घृणा, हिंसा, ईष्र्या और कई अन्य विरोधाभासों से खुद को दूर करने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहा, “भारत में, हम बौद्ध धर्म को उत्कृष्ट सत्य की एक नई अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं। आधुनिक समय में दो असाधारण महान भारतीय एक महात्मा गांधी और दूसरे बाबा साहब अंबेडकर ने बुद्ध के शब्दों से प्रेरणा पाई और राष्ट्र के भाग्य को नया आकार दिया।”