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J&K: प्रधानमंत्री मोदी बोले- जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद शीघ्र होंगे विधानसभा चुनाव

J&K: प्रधानमंत्री ने बैठक में शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से पेश किए गए विचारों के लिए प्रशंसा की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विकास पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि डीडीसी चुनावों की तरफ शांतिपूर्वक विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक कर दिल्ली और दिलों की दूरी कम करने पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा बहाली का संसद में किया गया वादा आगे अनुकूल समय आने पर पूरा किया जाएगा, लेकिन इसके लिए पहले परिसीमन और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया जरूरी है। प्रधानमंत्री आवास पर सायं तीन बजे से शुरू हुई बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। प्रधानमंत्री ने बैठक में शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से पेश किए गए विचारों के लिए प्रशंसा की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विकास पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि डीडीसी चुनावों की तरफ शांतिपूर्वक विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है।

Modi Amit Shah Farooq

बैठक में चर्चा हुई कि परिसीमन के बाद शीघ्र विधानसभा चुनाव होंगे। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने भी यही इच्छा जताई। प्रधानमंत्री ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक भी मौत दुखद है। हमारी युवा पीढ़ी की रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए राजनीतिक मतभेद के बावजूद राष्ट्रहित में काम करने पर जोर दिया। घाटी में समाज के सभी वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी मुद्दा उठा।

बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से बोले पीएम मोदी

पीएम ने इस बैठक में शामिल हुए सभी नेताओं के सुझावों और विचारों को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी प्रतिभागियों ने अपने स्पष्ट और ईमानदार विचार साझा किए। यह एक खुली चर्चा थी जो कश्मीर के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए थी।

बैठक का मुख्य फोकस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना था। पीएम ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि डीडीसी चुनावों के सफल संचालन की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है।

इसके साथ ही यहां बैठक में यह चर्चा की गई कि चुनाव परिसीमन के तुरंत बाद हो सकते हैं और कुल मिलाकर अधिकांश प्रतिभागियों ने इसके लिए इच्छा व्यक्त की।

पीएम ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि उनका उत्थान सुनिश्चित हो सके। प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिभागियों द्वारा समर्थित संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रसन्नता व्यक्त की।

पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक मौत भी दर्दनाक है और हमारी युवा पीढ़ी की रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। पीएम ने जोर देकर कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर के अपने युवाओं को अवसर देने की जरूरत है और वे हमारे देश को बहुत कुछ देंगे।

जम्मू-कश्मीर द्वारा हासिल किए गए विकास पर कई जन-समर्थक पहलों के कार्यान्वयन के साथ विस्तार से चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास की गति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह लोगों में नई आशा और आकांक्षाएं पैदा कर रहा है। पीएम ने कहा कि जब लोग भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अनुभव करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास जगाता है और लोग प्रशासन को अपना सहयोग भी देते हैं और यह आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई दे रहा है।

पीएम ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। पीएम ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में समाज के सभी वर्गों के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि वह दिल्ली की दूरी के साथ-साथ दिल की दूरी को भी मिटाना चाहते हैं।