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PM Modi On Emergency: ‘डार्क डेज ऑफ डेमोक्रेसी’ इमरजेंसी की बरसी पर कांग्रेस पर प्रधानमंत्री का निशाना, जानिए क्या कहा

PM Modi On Emergency: 25 जून 1975 की रात 12 बजे तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के कहने पर पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लगाने का ऐलान किया था जिसके बाद से ही देश पुलिस स्टेट बन गया था। देश के अलग अलग हिस्सों से इंदिरा के फैसले का विरोध करने वाले लोगों को पुलिस ने जेलों में बंद कर दिया था। ये आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने तक चला था। इसको देश के लोकतंत्र के सबसे काले अध्यायों के रूप में देखा जाता है।

नई दिल्ली। देश में आपातकाल की बरसी को लेकर राजनैतिक दल तमाम तरह से अपनी प्रतिक्रयाएं दे रहे हैं, इस बीच आपातकाल पर पीएम नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पीएम मोदी ने इमरजेंसी के समय को याद करते हुए उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जो आपातकाल के समय मौके पर टिके रहे। पीएम मोदी इस समय इजिप्ट के दौरे पर हैं। जहां वो भारतवंशियों से भी मुलाकात करने वाले हैं। आज पीएम मोदी के दौरे का आखिरी दिन है। रविवार रात 12 प्रधानमंत्री भारत के लिए वापस रवाना होने वाले हैं। 25 जून को एक तरफ देश इतिहास के स्याह पन्ने के रूप में याद कर रहा है। वहीं इस काले दौर को याद करते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- ”मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया। #DarkDaysOfEmergency हमारे इतिहास की कभी न भूलाने वाली वो अवधि है, जो हमारे संविधान की ओर से बनाए गए मूल्यों के बिल्कुल एकदम उलट है।”

बीजेपी, स्वयंसेवक संघ 25 जून को काले दिवस के रूप में देख रहा है वहीं दूसरी तरफ रविवार (25 जून) को भारतीय जनता पार्टी यूपी में ‘काला दिवस’ भी भी मनाने वाली है। इसके लिए लखनऊ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम भी आयोजित होने जा रहा है जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होने वाले है। वो इस सभा को संबोधित करेंगे। बता दें कि इंदिरा के आपातकाल के समय देश के प्रमुख नेताओं को जेल में कैद कर दिया गया था। कई राष्ट्रवादी विचारधारा वाले नेताओं को भूमिगत भी होना पड़ा था।

indira gandhi

25 जून 1975 की रात 12 बजे तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के कहने पर पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लगाने का ऐलान किया था जिसके बाद से ही देश पुलिस स्टेट बन गया था। देश के अलग अलग हिस्सों से इंदिरा के फैसले का विरोध करने वाले लोगों को पुलिस ने जेलों में बंद कर दिया था। ये आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने तक चला था। इसको देश के लोकतंत्र के सबसे काले अध्यायों के रूप में देखा जाता है।