नई दिल्ली। वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा के नामांकन की तारीख तय हो गई है। प्रियंका गांधी कल, 23 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। इस दौरान कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड के साथ-साथ रायबरेली सीट से भी चुनाव लड़ा था। राहुल गांधी अमेठी और वायनाड दोनों ही सीट पर चुनाव जीते थे जिसके बाद उनके सामने बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया था कि दोनों में से कौन सी सीट छोड़ें। बाद में राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी थी इसीलिए यहां लोकसभा उपचुनाव हो रहा है।
राहुल गांधी असमंजस में इसलिए थे क्योंकि वायनाड सीट से वो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते थे। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी जब अपनी पारम्परिक अमेठी सीट से बीजेपी की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे तो वायनाड सीट ने ही उनकी इज्जत बचाई थी। जबकि रायबरेली भी कांग्रेस की पारम्परिक सीट रही है जहां से सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही हैं। अमेठी हारने के बाद कांग्रेस ने राहुल को रायबरेली से उतारा और वहां की जनता के राहुल को हाथों हाथ लेते हुए जीत का तोहफा दिया। राहुल न तो रायबरेली की जनता को नाराज करना चाहते थे और न ही वायनाड के लोगों को।
बहुत सोच विचार के बाद कांग्रेस की ओर से फैसला लिया गया कि राहुल वायनाड सीट छोड़ दें और वहां से प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतारा जाए। कांग्रेस का ऐसा मानना है कि राहुल की जगह अगर गांधी परिवार का ही सदस्य चुनाव लड़ेगा तो ही सफलता मिल सकती है नहीं तो किसी और उम्मीदवार को वायनाड की जनता के गुस्से का शिकार होकर हार का सामना करना पड़ सकता है। देश में वैसे ही कांग्रेस की हालत कुछ सही नहीं है और शायद यही कारण है कि प्रियंका गांधी भी पहली बार चुनाव लड़ने जा रही हैं।