मुंबई। विपक्षी गठबंधन की मुंबई में आज से बैठक होने जा रही है। इससे ठीक एक दिन पहले बुधवार को एक पोस्टर की वजह से सवाल खड़े हो गए। विपक्षी नेताओं का एक पोस्टर कांग्रेस की तरफ से जारी किया गया। इस पोस्टर में सबसे नीचे की तस्वीर में राहुल गांधी को सबसे आगे दिखाया गया और उनके पीछे दोनों तरफ अन्य विपक्षी नेताओं के फोटो लगाए गए। कुल मिलाकर कांग्रेस की तरफ से ये जताया गया कि विपक्षी दलों के गठबंधन की अगुवाई राहुल गांधी कर रहे हैं। विवाद इस पर नहीं हुआ कि राहुल गांधी सभी विपक्षी नेताओं की अगुवाई करते क्यों दिखाए गए हैं। सवाल इस वजह से खड़े हो गए, क्योंकि राहुल गांधी को अगुवा दिखाने वाली फोटो में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का ही फोटो नहीं था। पोस्टर में ऊपर पहली फोटो में केजरीवाल जरूर दिख रहे थे। देखिए वो पोस्टर जिसे कांग्रेस ने पहले जारी किया था।
जब इस पर बीजेपी की तरफ से केजरीवाल पर तंज कसा गया और चर्चाओं का दौर शुरू हुआ, तो कांग्रेस ने राहुल गांधी को विपक्षी नेताओं का अगुवा दिखाने वाला पोस्टर अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से हटा दिया। इसके बाद एक और पोस्टर कांग्रेस की तरफ से जारी हुआ। इसमें विपक्षी गठबंधन में शामिल सभी 11 मुख्यमंत्रियों के चेहरे लगाए गए। इसे कांग्रेस ने द वॉयस ऑफ इंडिया इज इंडिया बताया है। जाहिर है, इसमें अरविंद केजरीवाल की फोटो है, लेकिन राहुल गांधी को नहीं रखा गया। फिर भी पहले जारी किए गए पोस्टर में अरविंद केजरीवाल को न दिखाए जाने की चर्चा तो होती ही रही। कांग्रेस की तरफ से बाद में जो पोस्टर जारी किया गया, उसे देखिए।
बता दें कि कांग्रेस और केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के बीच वैसे ही बीते दिनों तनातनी हो चुकी है। कांग्रेस की दिल्ली प्रवक्ता अलका लांबा के इस बयान से कि दिल्ली में सभी 7 सीटों पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ेगी पर आम आदमी पार्टी की तरफ से विरोध की आवाज सुनाई दी थी। वहीं, पंजाब कांग्रेस के नेता भी लगातार कह रहे हैं कि राज्य की लोकसभा सीटों पर वो अरविंद केजरीवाल की पार्टी से कोई समझौता नहीं करने वाले हैं। इससे पहले केजरीवाल ने दिल्ली संबंधी अध्यादेश मामले में कांग्रेस से साथ देने के मसले पर साफ जवाब चाहा था। बाद में कांग्रेस ने उनको संसद में समर्थन देने का एलान किया था। जिसके बाद फिर केजरीवाल विपक्षी गठबंधन की बेंगलुरु बैठक में शामिल हुए थे।