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Mehbooba Mufti: 370 पर धमकी देने वाली पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अब पढ़ रहीं रामचरितमानस की चौपाई! जानिए क्या है माजरा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कभी ये धमकी दी थी कि अगर अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, तो कश्मीर घाटी में खून की नदियां बहेंगी और वहां भारत के राष्ट्रीय ध्वज को अपने कंधे पर उठाकर चलने वाला कोई नहीं मिलेगा। अब वो रामचरितमानस की चौपाई पढ़ती दिख रही हैं।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कभी ये धमकी दी थी कि अगर अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, तो कश्मीर घाटी में खून की नदियां बहेंगी और वहां भारत के राष्ट्रीय ध्वज को अपने कंधे पर उठाकर चलने वाला कोई नहीं मिलेगा। महबूबा ने बीते दिनों ये एलान भी किया था कि जब तक 370 को वापस लागू नहीं किया जाता, वो चुनाव भी नहीं लड़ेंगी। साल 2019 में मोदी सरकार ने 370 को संसद से रद्द करा दिया और अभी 15 अगस्त को जिस तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने उत्साह से स्वतंत्रता दिवस मनाया, उससे अब महबूबा मुफ्ती को भगवान राम याद आने लगे हैं। वो अब धमकीबाजी छोड़ रामायण की एक चौपाई के जरिए 370 की वापसी की गुहार लगा रही हैं।

mehbooba mufti

पीडीपी की नेता ने बुधवार को मीडिया से कहा कि 1947 में भारतीयों ने जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों से वादा किया था। ये वादा अब सुप्रीम कोर्ट में परीक्षण से गुजर रहा है। महबूबा ने कहा कि 370 पर सुनवाई भारत के लोगों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि ये देश बहुसंख्यकवाद नहीं, संविधान से चलेगा। महबूबा के मुताबिक अनुच्छेद 370 का मसला भारत के लोगों और 1947 में कश्मीरियों से किए गए वादे से जुड़ा है। पीडीपी नेता के मुताबिक उनको सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं कोर्ट से अपील कर रही हूं कि भारत हमेशा रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई के सिद्धांत पर चलता रहा है।

महबूबा मुफ्ती ने इसके बाद हिंदुत्ववादी संगठनों और बीजेपी पर निशाना साधा। महबूबा ने कहा कि मैं उन लोगों की बात नहीं कर रही, जो जय श्रीराम के नाम पर हत्या करते हैं। पीडीपी नेता ने कहा कि मैं बहुसंख्यकों की बात कर रही हूं जो रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को देखना है कि देश संविधान से चलेगा या किसी विशेष पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे के अनुसार।