नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में ब्रिटेन का दौरा किया और वहां भारत के खिलाफ जमकर आग उगली। इसे लेकर तो वो सवालों में घिरे ही। अब ये खुलासा होने के बाद राहुल घिर रहे हैं कि अपने लंदन दौरे के लिए उन्होंने सरकार से राजनीतिक मंजूरी नहीं ली थी। मीडिया में इस बारे में खबरें आने के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि सांसदों को विदेश दौरे के लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं होती है, लेकिन उनके इस दावे की भी पोल-पट्टी का खुलासा हो गया है।
Dear @AMISHDEVGAN ji,
M.P’s don’t need political clearance from PM or Govt, unless they are part of Official Delegation.
Pl don’t blindly follow the PMO what’sapp suggestions sent to TV channels.
We expect better due diligence from you and @CNNnews18 . https://t.co/UqndzGKYfL
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 25, 2022
राहुल गांधी विदेश में निजी संस्थान के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। लंदन में उनका कार्यक्रम था। सुरजेवाला की तरफ से इसके लिए सरकार से राजनीतिक मंजूरी की जरूरत न होने के दावे किए गए, लेकिन नियम बताते हैं कि राहुल गांधी को मंजूरी लेने की जरूरत थी। उनके अलावा इसी कार्यक्रम में गए आरजेडी के सांसद मनोज झा ने मंजूरी लेने के बाद ही लंदन का रुख किया था। जब सुरजेवाला ने दावा किया कि किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है, तो सोशल मीडिया पर मंजूरी लेने संबंधी नियमों की जानकारी तैरने लगी। बाकायदा इस बारे में संसद की तरफ से जारी दिशा-निर्देश सामने आ गए।
इन नियमों के तहत अगर किसी सांसद को विदेश से किसी संस्थान या सरकार से किसी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिलता है, तो उसे सबसे पहले राजनीतिक मंजूरी के लिए विदेश मंत्रालय को जानकारी देनी होती है। इसके बाद उसे गृह मंत्रालय से एफसीआरए के तहत छूट भी लेनी होती है। दोनों जगह से मंजूरी के बाद उसे लिखित में लोकसभा का सदस्य होने पर सदन के अध्यक्ष या राज्यसभा का सदस्य होने पर सभापति को जानकारी देनी होती है। राहुल के बारे में बताया जा रहा है कि उन्होंने न तो सरकार से मंजूरी ली और न ही लोकसभा अध्यक्ष को अपने दौरे के बारे में कोई जानकारी ही दी।