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Congress: PM मोदी के खिलाफ राहुल गांधी को ऐसा बयान देना पड़ा महंगा, BJP ने जारी किया ये नोटिस

Congress: यही नहीं, उन्हें आगामी 15 फरवरी तक इस नोटिस पर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। बता दें कि बीजेपी राहुल गांधी पर पीएम मोदी के खिलाफ गलत, अवमानना, असंसदीय और भ्रामक तथ्य रखने का आरोप लगाया है।

नई दिल्ली। तमतमाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब लोकसभा में अडानी मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आरोपों की बौछार लगाई, तो पूरे सदन का माहौल गर्म हो गया। राहुल गांधी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की मुखालफत करने के लिए खुद बीजेपी नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया। दरअसल, राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि उनके विदेश दौरे के बाद अडानी को सभी अनुबंध दे दिए गए। यहां तक की रक्षा क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद भी उन्हें सभी मसझौते दे दिए। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी इस्राएल जाते हैं और अडानी को रक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी समझौते दे दिए जाते हैं।

 

उधर, राहुल के इन आरोपों के बाद बीजेपी नेताओं को पारा गरमा गया और उन्होंने कांग्रेस नेता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। यही नहीं, अब खबर आई है कि अब राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बीजेपी नेता निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया है। उन्हें आगामी 15 फरवरी तक इस नोटिस पर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। बता दें कि बीजेपी ने राहुल गांधी पर पीएम मोदी के खिलाफ गलत, अवमानना, असंसदीय और भ्रामक तथ्य रखने का आरोप लगाया है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि नियम 380 के तहत राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी पर लगाए गए असंसदीय और असम्मानित आरोपों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाए। बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने कहा कि विगत सात फरवरी को राहुल गांधी ने सदन में पीएम मोदी पर बिना सबूत के अर्नगल आरोप लगाए थे। इन आरोपों का कोई आधार नहीं था।

बता दें कि बीते दिनों हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी कर देश के जाने माने उद्योगपति गौतम अडानी की बजबजाती आर्थिक माली हालत की कलई खोलकर रख दी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी जारी हुई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अडानी ने शेयरों में गिरावट की डर से अपने निवेशकों ने अपनी माली हो चुकी आर्थिक हालत की बात छुपाकर रखी थी। वहीं, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर में एकाएक गिरावट आ गई। निवेशक भी अडानी के शेयर में निवेश करने से गुरेज करने लगे। उधर, इस पूरे मसले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई। कांग्रेस और बीजेपी के बीच भी जुबानी जंग तेज हो गई। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।