नई दिल्ली। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार (Modi Govt) के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की। ट्रैक्टर चलाया, साइकिल चलाई, लेकिन उनकी इस मुहिम वाली साइकिल और ट्रैक्टर की हवा निकल गई। नतीजा देखकर विपक्ष भी अब संसद में हंगामे से दूर हो रहा है। विपक्ष ने 7 बिल पर चर्चा के लिए राज्यसभा में शांत रहने का फैसला किया है। दरअसल, मंगलवार को राहुल गांधी ने राजधानी के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्षी दलों के नेताओं से मीटिंग की थी। इसमें राहुल ने सभी के साथ नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद राहुल ने साइकिल से संसद चलने का ऐलान किया। वह साइकिल पर सवार हुए, लेकिन बैठक में मौजूद विपक्ष के नेता राहुल की साइकिल मुहिम से नहीं जुड़े। राहुल के साथ संसद पहुंचने वालों में सिर्फ कांग्रेस के ही नेता थे।
राहुल की बैठक में मायावती की बीएसपी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं हुए। टांय-टांय फिस्स हुई बैठक ने विपक्ष को भी बैकफुट पर ला दिया। शाम होते होते विपक्ष ने तय किया कि राज्यसभा में 7 बिलों पर वह चर्चा में हिस्सा लेगा। वहीं, सरकार ने विपक्ष से फिर कहा है कि वह कृषि कानूनों, महंगाई और आर्थिक स्थिति पर चर्चा कराने के लिए तैयार है।
विपक्ष हालांकि पेगासस नजरदारी मामले पर भी चर्चा चाहता है, लेकिन मोदी सरकार ने कहा है कि इस बारे में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव लोकसभा और राज्यसभा में बयान दे चुके हैं और सारे मामले को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं। ऐसे में पेगासस पर चर्चा कराने का कोई औचित्य नहीं है।
बता दें कि 19 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने के दिन से ही विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा है। इस वजह से दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो पा रहा है। हालांकि, सरकार ने हंगामे के बीच कई बिल ध्वनिमत से पास भी कराए हैं। संसद का यह सत्र 13 अगस्त तक चलना है।