नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए खुद को एक स्थानीय फर्जी संगठन से बताकर लोगों से कथित तौर पर चंदा इकट्ठा करने के आरोप में पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इन पांच आरोपियों में से एक का आपराधिक रिकॉर्ड भी है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिला अध्यक्ष द्वारा इस पर एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए परिषद द्वारा एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत लोगों से स्वैच्छिक तौर पर चंदा इकट्ठा करने का काम किया जा रहा है। इस अभियान के एक हिस्से के तौर पर पीलीभीत में विहिप और आरएसएस कार्यकर्ताओं की टीमें गठित की गई हैं। सुनगढ़ी थानान्तर्गत काला मंदिर इलाके में जब यह फर्जी टीम लोगों से चंदा जुटाने पहुंची, तो भक्तों ने असली टीम के सदस्यों को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने तो चंदा पहले ही दे दिया है, तो फिर से क्यों पैसे जुटाए जा रहे हैं।
विहिप के एक अधिकारी ने पुलिस को बताया कि उस संगठन के सदस्यों ने स्वैच्छिक दाताओं को फर्जी रसीदें भी जारी की थी, जबकि राम मंदिर के निर्माण के लिए पैसे जुटाने का अधिकार उन्हें है ही नहीं। पुलिस ने अब उन्हें आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत हिरासत में लिया है।
बता दें कि राम मंदिर (Ram temple) निर्माण के लिए शुक्रवार से चंदा जुटाने का अभियान शुरू हो चुका है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने राम मंदिर के लिए सबसे पहले चंदा दिया। साथ ही इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने 5 लाख 100 रुपये का चंदा दिया। बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और वीएचपी मिलकर देश भर में राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा जुटाने का अभियान चला रहे हैं। ये अभियान करीब डेढ़ महीने तक चलेगा। इसके तहत देश भर में करीब 13 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।