राम मंदिर भूमि पूजन से पहले कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने दिया एकता, सद्भाव, सदाचार का संदेश

गलवार को प्रियंका गांधी ने कहा था कि, “दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है।

Avatar Written by: August 5, 2020 11:02 am

नई दिल्ली। भूमि पूजन को लेकर जहां भाजपा की तरफ से जोर-शोर से तैयारियां चल ही रही हैं वहीं अब कांग्रेस की तरफ से भी राम मंदिर निर्माण के लिए हो रहे भूमि पूजन का खुले दिल से स्वागत किया जा रहा है। एक दिन पहले जहां कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने भगवान राम पर एक नोट लिखा था कि वहीं आज कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में भूमि पूजन की शुभकामनाएं दी हैं।

ram mandir New model picture

सुरजेवाला ने लिखा कि, ‘राम मंदिर भूमिपूजन की शुभकामनाएं। आशा है कि त्याग, कर्तव्य, करुणा, उदारता, एकता, बंधुत्व, सद्भाव, सदाचार के रामबाण मूल्य जीवन पथ का रास्ता बनेंगे। जय सिया राम’

Randeep surjewala

इसके पहले मंगलवार को प्रियंका गांधी ने कहा था कि, “दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है। भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम, पराक्रम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है। श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है।”

राम के चरित्र को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा था कि, “युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम सबरी के हैं, सुग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के हैं और भास के भी। राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी। राम कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं।”

Ram Mandir

प्रियंका गांधी ने अपने नोट में लिखा था कि, गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले हैं। वारिस अली शाह कहते हैं जो रब है वही राम है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को ‘निर्बल का बल’ कहते हैं। तो महाप्राण निराला ‘वह एक और मन रहा राम का जो न थका’ की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को ‘शक्ति की मौलिक कल्पना’ कहते हैं। राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं। राम सबके हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं। इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। आगामी 5 अगस्त, 2020 को रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया है। भगवान राम की कृपा से यह कार्यक्रम उनके संदेश को प्रसारित करने वाला राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बने.. जय सियाराम।”