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Strike On Black Money: कालाधन रखने वालों की अब खैर नहीं, दिसंबर से ये बड़ा कदम उठाने जा रहा है RBI

Black Money: जुलाई में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी. रविशंकर ने भी इशारा किया था कि जल्दी ही केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है। उन्होंने वैसे यह साफ किया था कि बैंक इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता।

मुंबई। कालाधन रखने वालों पर मोदी सरकार ने नोटबंदी कर पहली सर्जिकल स्ट्राइक की थी। अब ऐसे लोगों पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक होने वाली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI इस दिशा में कदम उठा रहा है। दिसंबर तक रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। यह कदम सफल रहा, तो आने वाले एक साल में हार्ड करेंसी यानी नोट खत्म हो जाएंगे और उसकी जगह डिजिटल करेंसी ही दिखाई देगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि डिजिटल करेंसी का प्रयोग सफल रहने पर इसे बड़े पैमाने पर लॉन्च किया जाएगा। रिजर्व बैंक बहुत सावधानी के साथ इस प्रयोग को करने जा रहा है। बता दें कि फिलहाल भारत के पड़ोसी देशों से सिर्फ चीन में ही डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

इससे पहले जुलाई में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी. रविशंकर ने भी इशारा किया था कि जल्दी ही केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है। उन्होंने वैसे यह साफ किया था कि बैंक इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता। इसलिए सभी पहलुओं की जांच के बाद ही डिजिटल करेंसी को बाजार में उतारा जाएगा। उन्होंने बताया था कि इस मुद्रा का प्रयोग कागजी मुद्रा की जगह आदान-प्रदान के लिए किया जा सकेगा। कागजी मुद्रा पर निर्भरता खत्म करने और ट्रांजेक्शन को कम करने के लिए पिछले कई सालों से डिजिटल करेंसी की वकालत हो रही है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि डिजिटल करेंसी से रियल टाइम ट्रांजेक्शन तो होगा ही साथ ही करेंसी के वैश्वीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

कालाधन रखने वालों पर प्रहार के साथ ही डिजिटल करेंसी से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करने वालों पर भी असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में जारी सर्कुलर को बीते दिनों खारिज कर दिया था। जिसमें आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किसी व्यक्ति और संस्था को सुविधा देने वाले बैंकों को बैन करने का प्रावधान किया था। अब आरबीआई की डिजिटल करेंसी के आने के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी का मसला भी हल हो जाएगा।