नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर अक्सर कई ऐसी खबरें फैलती रहती हैं जिनमें सच्चाई नाम मात्र की भी नहीं रहती। एक ऐसी ही खबर सोशल मीडिया पर फैल रही है कि, गोरखपुर स्थित गीताप्रेस फंड की कमी की वजह से बंद होने जा रही है। इसको लेकर लोग अपनी भावनाएं भी व्यक्त कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि, गीता प्रेस की पुस्कतें लगभग हर घर में पाई जाती हैं, ऐसे में इसका बंद होना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
वायरल हो मैसेज में गीताप्रेस गोरखपुर के आर्थिक संकट से गुजरने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही लोगों से गीताप्रेस गोरखपुर को सहयोग करने की बात भी कही जा रही है। लेकिन, यहां देखना यह है कि इस वायरल मैसेज में कितनी सच्चाई है? क्या वाकई गीताप्रेस गोरखपुर किसी आर्थिक संकट से गुजर रही है?
फिलहाल आपको बता दें कि मदद के नाम पर लोगों को ठगने के लिए ये तरीका ईजाद किया गया है। जबिक सच में ऐसा कुछ नहीं हैं। फंड की कमी को लेकर गीताप्रेस ने अपनी तरफ से एक ट्वीट के जरिए लोगों को सच भी बताया है। गीताप्रेस गोरखपुर ने अपने बयान में कहा, “कुछ संगठित असामाजिक तत्तवों द्वारा गीताप्रेस के आर्थिक संकट के कारण बंद होने की झूठी सूचना सोशल मीडिया पर प्रचारित कर गीताप्रेस के सहयोग के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है।”
मानवमात्रके लिए समाज सुधार एवं चरित्र निर्माण सम्बन्धी साहित्य प्रकाशनमें सन् १९२३ से सेवारत् pic.twitter.com/j3afLAHbJk
— गीताप्रेस , गोरखपुर (@GitaPress) September 3, 2020
बयान में कहा गया, “गीताप्रेस ने कई बार सोशल मीडिया/प्रिंट मीडिया पर इसका खंडन किया है। फिर भी गीताप्रेस के शुभचिंतक भी सही जानकारी के अभाव में इसे गीताप्रेस के हित में जानकर ऐसी झूठी खबर को फॉरवर्ड कर देते हैं। गीताप्रेस का काम रुचारू रूप से चल रहा है। संस्था किसी से भी किसी प्रकार का अनुदान नहीं लेती है।”