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Revolt In Congress: हिमाचल के उम्मीदवार घोषित होते ही कांग्रेस में बगावत, आदित्य ने छोड़ी पार्टी, इंदू के भी बीजेपी में जाने के आसार

कांग्रेस के लिए इस बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं। पिछली बार यानी साल 2017 में हिमाचल विधानसभा चुनाव में उसे बीजेपी से मुंह की खानी पड़ी थी। उस चुनाव में कांग्रेस को 68 में से 21 सीटें हासिल हुई थीं। जबकि, बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस दावा कर रही है कि वो बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकेगी।

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। 46 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हुए थे। इसके बाद अब कांग्रेस में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। कुल्लू जिले की बंजार सीट से खिमी राम को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज होकर आदित्य विक्रम सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। वहीं, ठियोग सीट से प्रत्याशी न बनाए जाने के विरोध में इंदू वर्मा के भी नाराज होने की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि इंदू अब बीजेपी का दामन थामेंगी। अभी 22 सीटों पर टिकट नहीं दिए गए हैं। इन सीटों पर उम्मीदवारों का एलान होने के बाद बगावत के और सुर सुनाई पड़ सकते हैं।

कांग्रेस ने जिन सीटों पर टिकट रोके हैं, उनमें चंबा की भरमौर सीट, कांगड़ा की देहरा, जयसिंहपुर, इंदौरा, सुलह और कांगड़ा, कुल्लू जिले की मनाली और आनी, मंडी की सरकाघाट, करसोग, धर्मपुर, नाचन और जोगेंद्रनगर और हमीरपुर हैं। वहीं, ऊना की चिंतपूर्णी, कुटलेहड़ और गगरेट, बिलासपुर सदर, सोलन जिले की नालागढ़, सिरमौर की पांवटा साहिब के अलावा किन्नौर और शिमला शहरी सीट पर भी अभी उम्मीदवारों के नाम का एलान कांग्रेस ने नहीं किया है।

modi in himachal

कांग्रेस के लिए इस बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं। पिछली बार यानी साल 2017 में हिमाचल विधानसभा चुनाव में उसे बीजेपी से मुंह की खानी पड़ी थी। उस चुनाव में कांग्रेस को 68 में से 21 सीटें हासिल हुई थीं। जबकि, बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी के पक्ष में पिछली बार किस तरह हवा बही थी, ये इसी से समझा जा सकता है कि निर्दलीयों को महज 2 सीट पर जीत मिली थी। वहीं, 1 सीट सीपीएम के उम्मीदवार ने जीती थी। इस बार कांग्रेस दावा कर रही है कि वो बीजेपी को हिमाचल की सत्ता से उखाड़ फेंकेगी, लेकिन बीजेपी की तरफ से उसका सीधा मुकाबला पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे से होने वाला है। जो हिमाचल में विकास की नई इबारत पिछले 5 साल में लिखवा चुके हैं।