नई दिल्ली। बीते दिनों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव हुए थे। इन चुनावों को जीतने के लिए कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इन पांच राज्यों में कई रैलियां की, लेकिन कांग्रेस को सिर्फ तेलंगाना में सरकार बनाने का मौका मिला। इससे विपक्ष के इंडिया गठबंधन में उसकी स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है। कांग्रेस समेत गठबंधन के दलों में अब लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा होनी है। इससे पहले जो खबर आ रही है, वो कांग्रेस के लिए दिक्कतों का पुलिंदा माना जा सकता है।
न्यूज चैनल एबीपी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि समाजवादी पार्टी यानी सपा और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी ने सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के सामने शर्तें रख दी हैं। ये दल उसे मनमाफिक सीटें देने को तैयार नहीं हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भी कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। न्यूज चैनल के मुताबिक लालू की आरजेडी ने कांग्रेस से कहा है कि वो राज्य में उसे सिर्फ 4 सीटें दे सकती है। बाकी 17-17 सीटों पर खुद और जेडीयू चुनाव लड़ेंगे। वहीं, यूपी में सपा ने कांग्रेस से कह दिया है कि वो रायबरेली, वाराणसी और लखनऊ समेत 8 सीटें ही कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है। यूपी में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा की सीटें हैं। कांग्रेस पिछली बार यानी 2019 में सिर्फ रायबरेली सीट जीत सकी थी। राहुल गांधी को अमेठी का अपना गढ़ बीजेपी की स्मृति इरानी से गंवानी पड़ी थी।
एबीपी न्यूज के मुताबिक पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी की सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी भी कांग्रेस को 2 सीटें ही दे सकती हैं। ममता ने पिछले दिनों कहा था कि बंगाल में तो कांग्रेस सिर्फ 2 ही सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। कांग्रेस यहां 6 से 8 सीटें चाहती है, लेकिन ये इतना आसान नहीं लग रहा है। उधर, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि पंजाब की सभी 13 सीटों पर उनकी पार्टी प्रत्याशी उतारना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस के लिए ज्यादा सीटें अपने पक्ष में लेना फिलहाल टेढ़ी खीर दिख रहा है। वैसे हालात क्या हैं, ये इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में पता चल जाएगा।