
जम्मू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कमजोरों को बचाने के लिए हथियार रखने की बात कही है। मोहन भागवत ने रविवार को जम्मू में कहा कि जो लोग समाज को नुकसान पहुंचाते हैं, देश को उनसे हर संभव तरीके से जरूर निपटना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने संघ के स्वयंसेवकों की सभा में कहा कि जहां कमजोर को क्रूर से बचाने की जरूरत हो, तो जरूरत के हिसाब से ताकत के इस्तेमाल के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रूर से कमजोर को बचाना है, तो हाथ में हथियार भी रखना होगा। सभी की सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। मोहन भागवत ने अहिंसक, करुणा, लचीलापन और मजबूत होने पर भी अपनी बात रखी। मोहन भागवत ने कहा कि जैसे गरीबों की मदद के लिए दान दिया जाता है, उसी तरह कमजोरों की रक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल जरूरी है।
मोहन भागवत ने कहा कि समाज और देश के परिप्रेक्ष्य में इस भाव को सबके दिमाग में डालना चाहिए। ये सभी मूल्य हमारे धर्म में हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। मोहन भागवत ने कठुआ चौक पर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जाखुद में भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी और एक मंदिर में पूजा भी की। आरएसएस प्रमुख 3 दिन की यात्रा पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। मोहन भागवत ने पहली बार हाथों में हथियार लेने की बात कही है। इससे पहले मोहन भागवत ने अहम बयान में कहा था कि देश के हर नागरिक को संघ अपना मानता है। उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवकों से बीते दिनों लखनऊ के कार्यक्रम में कहा था कि हिंदू के साथ ही मुस्लिम से भी नजदीकी बढ़ाएं। मोहन भागवत ने कहा था कि विरोधियों के पास आरएसएस के लोगों को पहुंचकर उनकी राय जाननी चाहिए और अपना विजन उनको बताना चाहिए। मोहन भागवत लगातार समाज में आपसी सद्भाव की बात भी करते रहे हैं।
मोहन भागवत के ताजा हथियार रखने वाले बयान पर खबर लिखे जाने तक विरोधियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वैसे मोहन भागवत लगातार देश में एकता और अखंडता बरकरार रखने वाले बयान देते आ रहे हैं। पिछले साल उन्होंने दिल्ली में इस्लामी धर्मगुरुओं से मुलाकात भी की थी। साथ ही एक मदरसे जाकर उन्होंने वहां छात्रों से भी बातचीत की थी। संघ की एक शाखा भारतीय मुस्लिम मंच भी है। इस मंच के जरिए मुस्लिमों को आरएसएस की विचारधारा से जोड़ने का अहम काम मोहन भागवत के संघ प्रमुख रहते ही शुरू किया गया है।