
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत का ये बयान आरएसएस और मुस्लिमों के बारे में है। मोहन भागवत ने लखनऊ में आरएसएस की बैठक में कहा है कि संघ के लिए कोई पराया नहीं है और मुस्लिम भी हमारे हैं। न्यूज चैनल आजतक की खबर के मुताबिक मोहन भागवत ने आरएसएस की बैठक में ये भी कहा कि जो विरोध करते हैं, वे भी हमारे हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि विरोध से हमारा नुकसान न हो, इसकी चिंता आरएसएस को करनी चाहिए। उन्होंने संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विरोधियों की लिस्ट बनाकर उनसे संपर्क करें। मोहन भागवत पहले भी कई मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिल चुके हैं। दिल्ली में एक मदरसे में भी वो गए थे।
मोहन भागवत ने आरएसएस की बैठक में ये भी कहा कि कांग्रेस, सपा या बीएसपी की विचारधारा वाले संघ विरोधी लोगों को भी हम साथ लेकर चलेंगे। सभी को आरएसएस की विचारधारा से जोड़ने की कोशिश जारी रहेगी। मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक समाज में बदलाव के लिए काम कर रहे हैं और बुद्धिजीवी मसलन डॉक्टर, टीचर, सेना के अफसर, वकील और स्वतंत्रता सेनानी इन काम में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि बुद्धिजीवियों से संपर्क के लिए अभियान चलाया जाए।
इससे पहले मोहन भागवत ने आरएसएस की बैठक में रविवार को कहा था कि गांवों और बस्तियों में जनजागरण चलाया जाएगा। उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवकों से कहा था कि वे लोगों को धर्मांतरण और लव जिहाद के प्रति जागरूक करें। मोहन भागवत ने कहा था कि समाज को अपनी मुश्किलों को समझना होगा और उससे निपटने के लिए खुद आगे आना होगा। मोहन भागवत ने आरएसएस की बैठक में संघ के पदाधिकारियों से समाज के सभी वर्गों से संपर्क करने और जगह-जगह संघ की नई शाखा चलाने के भी निर्देश बैठक में दिए थे। आरएसएस की ये अहम बैठक है और मोहन भागवत का बयान काफी मायने रखता है।