नई दिल्ली। वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मस्जिद पर पिछले कई महीनों से लगातार चर्चा हो रही है। इस मसले पर कुछ चंद नेताओं समेत आम लोग भी अपनी मनमर्जी की राय देने से परहेज नहीं कर रहे हैं। नेताओं की लिस्ट में सबसे ज्यादा ज्ञानवापी पर बयान दे रहे हैं, वो एआईएमआई के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी हैं। उन्होंने अब तक काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के लिए कई भड़काने वाले बयान दिए हैं। इसके अलावा अगर बात करें आम आदमी की तो वह भी इस मामले पर अपनी राय देने से परहेज नहीं कर रहे हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इसके कई मामले सामने आए हैं। राज्य की योगी सरकार ने पिछले दिनों में कई लोगों को ज्ञानवापी के लिए सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के चक्कर में गिरफ्तार किया था। इन सब के बाद अब ज्ञानवापी पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने अपने विचार रखे हैं।
हिंदू मूसलमान के खिलाफ नहीं- मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat ) ने गुरुवार को नागपुर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ज्ञानवापी पर हो रही सियासत के बारे में चर्चा की। मोहन भागवत ने ज्ञानवापी पर बात करते हुए कहा कि “इस्लाम आक्रमणकारियों के तहत हिंदुस्तान में आया तो भारत की स्वतंत्रता को चाहने वाले लोगों का मनोबल कम करने की कोशिश की और हजारों देवस्थान तोड़े। कभी भी हिंदू समुदाय के लोग मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते हैं, लेकिन उसे लगता है कि इनका पुनुरुद्धार होना चाहिए। हमने 9 नवंबर को ही साफ-साफ कह दिया था कि राम मंदिर के बाद अब हम कोई आंदोलन नहीं करना चाहते हैं, लेकिन मुद्दे मन में हैं तो उठते हैं। अगर ऐसा कुछ है तो आपस में हिंदु-मुसलमान मिलकर-जुलकर मुद्दा सुलझाएं।”
We have to unite all, don’t have to conquer any!
Dr.Mohan Bhagwat pic.twitter.com/dqTQgCWeGr— VSK Chittor (@ChittorVSK) June 2, 2022