newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

RSS On Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा खत्म कराने आगे आया आरएसएस, सरकार्यवाह होसबाले ने कहा- आपसी भरोसा जरूरी

दत्तात्रेय होसबाले ने अपील की है कि मणिपुर में सभी पक्ष आपसी भरोसे में आई कमी को दूर करें। उन्होंने कहा कि भरोसे की कमी से ही वहां हिंसा हो रही है। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना है और कुकी समुदाय में वास्तविक चिंता है। दोनों की इन दिक्कतों को दूर करके ही मणिपुर में हिंसा रोकी जा सकती है।

नई दिल्ली। मणिपुर में मैतेई हिंदुओं और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच हिंसा की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इन घटनाओं को आज 46वां दिन है। मणिपुर में केंद्रीय मंत्रियों, राज्य के मंत्रियों और नेताओं के घरों को फूंका गया। हजारों लोग हिंसा की वजह से विस्थापित हुए और 100 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। मणिपुर में हिंसा की इन घटनाओं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने चिंता जताई है। आरएसएस ने तत्काल मणिपुर में हिंसा खत्म करने की अपील भी की है। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बयान जारी कर मणिपुर में हिंसा को रोकने की अपील की। होसबाले ने कहा है कि 3 मई 2023 को मणिपुर के चूराचांदपुर में लाई हराओबा उत्सव के वक्त शुरू हुई हिंसा दुर्भाग्य की बात है।

दत्तात्रेय होसबाले ने अपने बयान में कहा है कि मणिपुर में अनिश्चितता की हालत निंदनीय है। उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा कि सदियों से मणिपुर में आपसी सौहार्द और सहयोग रहा है। वहां के लोग शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जीते रहे हैं। ऐसे में मणिपुर में लगातार जारी हिंसा लोगों के लिए भयानक दुख लेकर आया है। मणिपुर में हिंसा के कारण करीब 50000 लोगों के विस्थापित होने पर भी होसबाले ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में विस्थापितों और पीड़ितों के साथ आरएसएस खड़ा है। आरएसएस सरकार्यवाह होसबाले ने कहा है कि संगठन का मानना है कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। हर मामले का हल संवाद और भाईचारे से ही हो सकता है।

दत्तात्रेय होसबाले ने अपील की है कि मणिपुर में सभी पक्ष आपसी भरोसे में आई कमी को दूर करें। उन्होंने कहा कि भरोसे की कमी से ही वहां हिंसा हो रही है। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना है और कुकी समुदाय में वास्तविक चिंता है। दोनों की इन दिक्कतों को दूर करके ही मणिपुर में हिंसा रोकी जा सकती है। बता दें कि मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत वहां की कानून और व्यवस्था अपने हाथ ले रखी है। मणिपुर में बड़ी तादाद में सेना और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं, लेकिन फिर भी हिंसा का दौर वहां थमा नहीं है। इसे कांग्रेस समेत विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा भी बना रहे हैं।