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Pilot Vs Gehlot: राजस्थान में कांग्रेस के सामने खड़ा हो सकता है बड़ा संकट, सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट बनाएंगे नई पार्टी

सचिन पायलट ने इसके बाद बीते दिनों वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए कांग्रेस की सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था। फिर पेपर लीक मामले में सचिन ने अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा की थी। उन्होंने मांगे पूरी करने के लिए 31 मई की डेडलाइन भी दी थी।

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में मची रार और तेज हो सकती है। हिंदी अखबार दैनिक हिंदुस्तान के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत से टकराव के मुद्दों को सुलझाने में कांग्रेस आलाकमान के नाकाम रहने पर अब सचिन पायलट नई राह तलाश रहे हैं। अखबार की खबर के मुताबिक सचिन पायलट अब नई पार्टी बना सकते हैं। सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया है कि इस पार्टी का नाम सचिन पायलट ‘प्रगतिशील कांग्रेस’ रखने जा रहे हैं। पार्टी को सचिन पायलट 11 जून को जयपुर में लॉन्च करेंगे। इस दिन उनके पिता और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे राजेश पायलट की पुण्यतिथि है। सचिन पायलट अगर अलग पार्टी बनाते हैं, तो इससे कांग्रेस के सामने बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। माना जाता है कि राजस्थान की 48 विधानसभा सीटों पर सचिन पायलट का दबदबा है।

ashok gehlot and sachin pilot

राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सचिन पायलट साल 2020 से ही अशोक गहलोत के खिलाफ ताल ठोकते रहे हैं। उन्होंने तमाम कोशिश की, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन को जयपुर भेजा भी था, लेकिन गहलोत खेमे के विधायकों ने ऐसा बागी तेवर दिखाया कि दोनों वापस दिल्ली लौट गए। इसके बाद सचिन पायलट ने गहलोत के इन बागी तेवर अपनाने वाले विधायकों पर कार्रवाई की मांग की थी। जो नहीं हुई।

ashok gehlot and sachin pilot

सचिन पायलट ने इसके बाद बीते दिनों वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए कांग्रेस की सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था। फिर पेपर लीक मामले में सचिन ने अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा भी की थी। उन्होंने 31 मई की डेडलाइन दी थी और 3 मांगें पूरी न होने पर पूरे राजस्थान में आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद दिल्ली में अशोक गहलोत और उनको बिठाकर मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बात की। इस बातचीत के बाद कांग्रेस की ओर से कहा गया कि गहलोत और सचिन पायलट मिलकर ही कांग्रेस को राजस्थान में चुनाव लड़ाएंगे, लेकिन अब लग रहा है कि सचिन पायलट ने अपनी अलग राह चुन ली है।

sachin pilot