
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की अपनी ही सरकार के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ पार्टी के नेता सचिन पायलट आज एक दिन का अनशन करने वाले हैं। इस अनशन के जरिए सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत को घेरने का आखिरी दांव चला है। सचिन पायलट का अनशन सुबह 11 बजे से जयपुर के शहीद स्मारक पर होने वाला है। इस अनशन में शामिल होने के लिए सचिन पायलट ने किसी और कांग्रेस नेता या समर्थक को नहीं बुलाया है। माना जा रहा है कि उनके दौसा क्षेत्र समेत कुछ और जगह से समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता इस अनशन में शामिल होंगे। वहीं, कांग्रेस ने एक दिन पहले ही सचिन पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दे दिया है।
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरफ से जो बयान जारी किया गया है, उसे देखकर लगता है कि सचिन पायलट को अनशन से रोकने के लिए कांग्रेस प्यार के साथ ही सख्त रुख भी अपना रही है। एक तरफ रंधावा ने सचिन पायलट को कांग्रेस की धरोहर बताया है। साथ ही उनके अनशन को पार्टी विरोधी और कांग्रेस के हितों के खिलाफ भी करार दिया है। रंधावा ने ये भी कहा है कि वो बीते 5 महीने से राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी हैं, लेकिन सचिन पायलट ने अनशन वाले मुद्दे पर कभी उनसे बात नहीं की। ऐसे में साफ है कि अगर सचिन पायलट अनशन पर बैठे, तो कांग्रेस उनके खिलाफ कोई सख्त कदम भी उठा सकती है।
Sachin Pilot’s fast is against party interests. I have been AICC incharge for the last 5 months but he never spoke with me regarding the issue. I appeal for calm dialogue as Sachin Pilot is an indisputable asset: Sukhjinder Singh Randhawa, AICC Incharge, Rajasthan pic.twitter.com/gFLycgF3Be
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 10, 2023
सचिन पायलट ने इससे पहले अशोक गहलोत के खिलाफ 2020 में पहली बार बागी तेवर दिखाए थे। वो 19 समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डालकर बैठ गए थे। तब नतीजे में उनको राजस्थान के डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद गंवाना पड़ा था। गहलोत ने इसके बाद पायलट के लिए नाकारा, बड़ा कोरोना और गद्दार जैसे शब्दों का कई बार इस्तेमाल किया। अब सचिन पायलट का कहना है कि पिछली बार चुनाव से पहले राजस्थान की जनता से वादा किया था कि वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए 45000 करोड़ के कथित खनन घोटाले समेत भ्रष्टाचार के अन्य मामलों की जांच कराएंगे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इसी मामले में जल्द कार्रवाई की मांग उन्होंने रखी है। अब सबकी नजर इस पर है कि सचिन पायलट की इस मांग पर गहलोत सरकार से कांग्रेस कार्रवाई कराती है या अनशन करने पर सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करती है।