जयपुर। अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। सोनिया और राहुल गांधी के एक व्यक्ति-एक पद के रुख पर अड़ जाने के बाद गहलोत ने अपनी ये जिद भी छोड़ दी है कि कि कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने पर वो राजस्थान के सीएम भी बने रहेंगे। ऐसे में अब राजस्थान के सीएम पद के लिए कांग्रेस में उठापटक के आसार दिख रहे हैं। पिछली बार प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस को राजस्थान में सत्ता दिलाने वाले और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक सीएम पद के लिए उनका नाम आगे कर रहे हैं। वहीं, अंदरखाने की खबर है कि गहलोत इस पद पर अपने करीबी सीपी जोशी को बिठाने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
पहले बात सचिन पायलट की कर लेते हैं। सचिन और मौजूदा सीएम अशोक गहलोत के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। यहां तक कि जुलाई 2020 में वो अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के एक रिसॉर्ट को कोपभवन बनाकर बैठ भी गए थे। बड़ी मुश्किल से तब कांग्रेस आलाकमान उन्हें समझा सका था। हालांकि, बगावत के नतीजे में सचिन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम का पद गंवाना पड़ा था। अब गहलोत अगर कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिए जाते हैं, तो सचिन पायलट फिर सीएम पद के लिए आलाकमान के गले की फांस बन सकते हैं। बीते दिनों अपने जन्मदिन पर समर्थकों और कई विधायकों को जुटाकर सचिन ये भी दिखा चुके हैं कि उनमें कितना दमखम है।
अब बात सीपी जोशी की कर लेते हैं। सीपी जोशी अभी राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं। वो केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय संभाल चुके हैं। गांधी परिवार और गहलोत के करीबी माने जाने वाले सीपी जोशी काफी वरिष्ठ हैं और सियासत के तमाम तिकड़मों को अच्छी तरह पहचानते भी हैं। ऐसे में सचिन पायलट के घनघोर विरोधी गहलोत उनके पक्ष में बताए जाते हैं। बहरहाल, सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही केरल जाकर राहुल गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं। अब देखना ये है कि सचिन पायलट को आलाकमान राजस्थान का सीएम पद सौंपता है, या अशोक गहलोत फिर बाजी मारते हुए सीपी जोशी को ये पद दिलाते हैं।