
नई दिल्ली। जल्दी ही राजस्थान का मसला एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचने वाला है। मसला मौजूदा सीएम अशोक गहलोत को पद से हटाकर सचिन पायलट को कुर्सी सौंपने की मांग का है। लंबे समय से सचिन पायलट ये मांग कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने इस मामले में कांग्रेस आलाकमान पर और जोर डालने का फैसला कर लिया है। सूत्रों की मानें, तो सचिन ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दौसा में अपने समर्थकों के जरिए इसी वजह से राहुल गांधी के सामने ताकत का प्रदर्शन किया। सचिन अब सीधे मांग करने वाले हैं कि चुनाव से पहले गहलोत को हटाकर उन्हें राजस्थान की सत्ता सौंपी जाए।
#BharatJodoYatra के 100वें दिन, आज मेरे पूर्व संसदीय क्षेत्र दौसा में गर्मजोशी से भाग लेने के लिये सभी साथियों का आभार। pic.twitter.com/1iBB2JBJz2
— Sachin Pilot (@SachinPilot) December 16, 2022
सचिन पायलट पहले ही आलाकमान पर गहलोत के मसले को लेकर दबाव कायम कर चुके हैं। 25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान के पर्यवेक्षकों अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने गहलोत समर्थक विधायकों ने जिस तरह बागी तेवर दिखाए थे, उस मामले में कार्रवाई की मांग सचिन पायलट ने की है। सचिन पायलट ने बीते दिनों कहा था कि उनको उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद गहलोत समर्थक उन विधायकों और मंत्रियों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने आलाकमान के हुक्म को मानने से इनकार कर दिया था।
वहीं, गहलोत के साथ सचिन भले ही राहुल गांधी की यात्रा में साथ दिखे, लेकिन दोनों के बीच दूरी काफी बढ़ गई है। गहलोत तो बाकायदा सार्वजनिक तौर पर सचिन पायलट को गद्दार तक कह चुके हैं। गहलोत ने साफ ये भी कहा था कि साल 2020 में सचिन पायलट ने साथियों के साथ बागी तेवर दिखाए थे। ऐसे में किसी भी सूरत के तहत उन्हें राजस्थान की सत्ता सौंपी नहीं जानी चाहिए। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अशोक गहलोत इससे पहले किसी भी तरह सीएम की कुर्सी जाने नहीं देना चाहते। सीएम की कुर्सी बचाने के लिए गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने तक से इनकार कर दिया था।