नई दिल्ली। एक तरफ जहां अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर बनने का इंतजार कर रहे भगवान राम के भक्तों का अब इतंजार जल्द ही खत्म होने वाला है। खबरों के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू हो सकता है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) राम मंदिर को लेकर लगातार राजनीति करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन (ST Hasan) ने राम मंदिर को लेकर विवादित टिप्पणी की है। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राम मंदिर निर्माण के जरिए राजनीति कर रही है।
सोशल मीडिया पर सपा सांसद एसटी हसन का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में सपा सांसद राम मंदिर पर विवादित बयान दे रहे है। एसटी हसन कहते है, ‘भाजपा के पास एक बड़ा हथियार है मैं हिंदू भाइयों से भी कहना चाह रहा हूं ये सब कुछ कर लेते है इनके पास फार्मूला है हिंदू-मुस्लमान का। राम मंदिर बन रहा है एक मसला खत्म हो गया, इन्हीं के लोग जब चंदा लेने निकलेंगे तो चंद बिके हुए मुसलमानों से पथराव करवा देंगे। पथराव के बाद जो होगा वो आप मध्य प्रदेश में देख चुके हैं। इसके जरिए हिंदुओं को ये मैसेज दिया जाएगा कि हम ये हालत कर सकते हैं।’
समाजवादी पार्टी सांसद एसटी हसन का विवादित बयान
कहा- ‘राम मंदिर पर चंदा लेने वालों पर कुछ बिके मुसलमान करेंगे पथराव…’
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अखिलेश बोले सपा के हैं ‘भगवान राम’, लोगों ने कुछ ऐसे किया रिएक्ट
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) हमेशा से अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने का विरोध करती रही है। मुलायम सिंह की हिन्दुत्ववादी संगठन और कई लोग आलोचना भी करते आए हैं क्योंकि जब 2 नवंबर, 1990 को अयोध्या में कारसेवकों ने रैली की थी, तब उन्होंने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें कई कारसेवकों की भी मौत हो गई थी। उस समय वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें यूपी की सपा और बसपा पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को हारने के लिए मिलकर चुनाव लड़ा था। मुलायम सिंह और कांशीराम की पार्टी ने मिलकर ये चुनाव लड़ा था। उस समय भाजपा की तरफ से राम मंदिर का नारा दिया गया था। भाजपा के इस नारे के खिलाफ सपा-बसपा ने नारा दिया था, ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जयश्री राम’। जिससे स्पष्ट हो गया था कि सपा-बसपा श्रीराम के अस्तित्व को मानती ही नहीं है। इसके बाद कई मौकों पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेता राम मंदिर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े करते रहे है। अब जबकि अयोध्या में रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया और राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भूमि पूजन का काम कर दिया तो सपा को प्रदेश में अपनी डूबती राजनीतिक नैय्या को बचाने के लिए प्रभु श्रीराम के सहारे की जरूरत पड़ रही है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने डूबती राजनीति को बचाने के लिए एक बार फिर राम का राग अलापा है। दरअसल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भगवान राम सपा के हैं और उनकी पार्टी के सदस्य राम भक्त हैं। साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वह जल्द ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ अयोध्या जाएंगे।
अखिलेश यादव ने अयोध्या में कहा, ‘भगवान राम समाजवादी पार्टी के हैं। हम राम भक्त और कृष्ण भक्त हैं।’ वह अयोध्या शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक संक्षिप्त बैठक कर रहे थे। इस दौरान अखिलेश ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का अनुभव बड़े दलों के साथ अच्छा नहीं रहा है और इस तरह अगले विधानसभा चुनावों में वह बड़े दलों को छोड़कर छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे।
सब याद रखा जाएगा @yadavakhilesh ?? pic.twitter.com/zSxBgoZfg2
— Facts (@BefittingFacts) December 15, 2020
ये महत्वपूर्ण घटनाक्रम प्रदेश की सियासत पर कितना असर डालेगा, इसका अंदाजा 90 के दशक में हुए ऐसे ही गठबंधन से लगाया जा सकता है। उस समय विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम के साथ गठबंधन किया था और भाजपा के विजय रथ को थाम लिया था।
वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अखिलेश यादव के भगवान राम सपा के हैं वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इतना ही नहीं लोगों ने उनकी जमकर खिचाई भी कर डाली।