संभल। यूपी के संभल में 24 नवंबर को जमकर हिंसा हुई थी। हिंसा के मामले में संभल पुलिस ने कई महिलाओं समेत 50 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है। संभल में हिंसा के बाद जब पुलिस ने घटनास्थल की छानबीन की थी, तब पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूसों के खोखे भी बरामद हुए थे। इसके बाद से ही संभल पुलिस हिंसा में पाकिस्तान कनेक्शन की जांच कर रही है। एबीपी न्यूज के मुताबिक संभल पुलिस को शक है कि हिंसा के लिए पाकिस्तान से फंडिंग की गई। पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों पर भी संभल में हिंसा कराने का शक है। न्यूज चैनल के मुताबिक संभल पुलिस ने जिले के उन लोगों की फाइल खोली है, जो पाकिस्तान में आतंकी संगठनों में शामिल हुए।
न्यूज चैनल ने संभल पुलिस के हवाले से मिले दस्तावेज का उल्लेख करते हुए बताया है कि संभल का निवासी शारिक साठा दाऊद इब्राहिम के गैंग का सदस्य है और दुबई में रहता है। वो भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग भी करता रहा है। संभल के मूल निवासी शारिक साठा पर अलग-अलग थानों में 50 से ज्यादा केस भी हैं। संभल पुलिस को लग रहा है कि 24 नवंबर को हुई हिंसा में शारिक का हाथ हो सकता है। कुछ और आतंकियों को भी पुलिस ने चिन्हित किया है। इनमें से सईद अख्तर और उस्मान हुसैन संभल के उसी दीपा सराय के निवासी हैं, जहां हिंसा हुई थी। संभल पुलिस के मुताबिक सईद अख्तर 1998 से लापता है। उसके बारे में शक है कि अफगानिस्तान में अल-कायदा से जुड़ गया था। वहीं, उस्मान के बारे में पुलिस को ये जानकारी है कि उसने 1999 में पाकिस्तान जाकर हरकत-उल-मुजाहिदीन में शामिल होकर ट्रेनिंग ली थी। वो भी अफगानिस्तान या पाकिस्तान में है।
संभल पुलिस के मुताबिक शहर के नखासा का निवासी शरजील अख्तर 2012 से फरार है। वो अल-कायदा से जुड़ा है। नखासा में भी उपद्रवियों ने फायरिंग की थी। न्यूज चैनल के मुताबिक उसे जो दस्तावेज मिले हैं, उनमें मोहम्मद आसिफ और जफर महमूद के अल-कायदा से जुड़े होने और बाद में 7 साल की सजा काटी। दोनों 2023 में रिहा हुए और नखासा में ही रहते हैं। संभल पुलिस ये पड़ताल कर रही है कि हिंसा में इन दोनों का भी कोई रोल है या नहीं। संभल में पहले 19 नवंबर की शाम जामा मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे हुआ था। फिर 24 नवंबर को कोर्ट कमिश्नर ने जब सुबह फिर सर्वे किया, तब वहां उपद्रवी इकट्ठा हो गए और जमकर हिंसा की। इस दौरान उपद्रवियों ने फायरिंग भी की थी और उसमें 4 लोगों की जान गई थी।