नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में कई जगह छापेमारी की। यह कार्रवाई सेवानिवृत्त आरक्षक सौरभ शर्मा और उनके करीबी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी के खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध में की गई।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच
ईडी ने यह जांच मध्य प्रदेश लोकायुक्त द्वारा सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत दर्ज मुकदमे के आधार पर शुरू की।
Enforcement Directorate tweets, “ED, Bhopal has conducted search operations on 27.12.2024 under the provisions of PMLA, 2002 at various premises situated in Bhopal, Gwalior and Jabalpur districts of Madhya Pradesh in the matter of Saurabh Sharma and others. During the search… pic.twitter.com/7ZoAyeOl2R
— ANI (@ANI) December 30, 2024
कई नामों पर अर्जित की गई संपत्तियां
जांच में पता चला कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार और करीबी दोस्तों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। उन्होंने कई कंपनियों और फर्मों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं, जिनके डायरेक्टर उनके बेहद करीबी थे।
8 ठिकानों पर छापेमारी में बड़ा खुलासा
भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में कुल 8 स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी मिली।सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस पाया गया। 23 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए।
भ्रष्टाचार से अर्जित आय का इस्तेमाल
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये संपत्तियां परिवहन विभाग में कार्यरत रहते हुए भ्रष्टाचार से अर्जित आय का उपयोग करके खरीदी गईं।
पहले भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले आयकर विभाग ने चेतन सिंह गौर के वाहन से 52 किलो सोने के बिस्कुट और 11 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। चेतन सिंह गौर, सौरभ शर्मा के करीबी सहयोगी माने जाते हैं।