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Sanjay Raut On Sharad-Ajit Pawar: अजित पवार से शरद पवार ने की मुलाकात तो भड़के उद्धव के सांसद संजय राउत, बोले- धोखा देने वालों से…

Sanjay Raut On Sharad-Ajit Pawar: इससे पहले शरद पवार गुट के जयंत पाटिल और अजित पवार की बैठक भी हुई थी। काफी अर्से से अटकलें लग रही हैं कि जयंत पाटिल भी अजित पवार की एनसीपी के खेमे में जा सकते हैं। जयंत पाटिल हालांकि कह चुके हैं कि ये महज अफवाह है और वो शरद पवार के साथ ही हैं। इससे पहले भी इन अटकलों ने जोर पकड़ा था कि शरद पवार और अजित पवार के बीच सुलह हो सकती है। हालांकि, दोनों गुट अभी अलग-अलग ही हैं।

मुंबई। उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी के सांसद संजय राउत एक बार फिर शरद पवार पर भड़के हैं। वजह ये है कि एनसीपी के दूसरे गुट के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को पुणे के वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में अपने भतीजे अजित पवार से मुलाकात की थी। इस पर संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि उनके बीच सबकुछ ठीक चल रहा है। फिर संजय राउत ने कहा कि हम शिवसेना छोड़ने वालों से संपर्क की कोशिश भी नहीं करते। जिस तरह उन्होंने महाराष्ट्र को धोखा दिया और पीठ में छुरा घोंपा, हम उनके करीब भी नहीं जाएंगे। इससे पहले फरवरी में जब शरद पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को सम्मान देकर उनकी तारीफ की थी, तब भी संजय राउत नाराज हुए थे।

 

इससे पहले शरद पवार गुट के जयंत पाटिल और अजित पवार की बैठक भी हुई थी। जयंत पाटिल और अजित पवार की उस बैठक के बारे में शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले की प्रतिक्रिया आई। सुप्रिया सुले ने कहा कि वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में सभी दलों के लोग गवर्निंग काउंसिल में हैं। सुप्रिया सुले ने कहा कि गवर्निंग काउंसिल बैठक में किसानों, चीन उद्योग और नई तकनीकी लाने के मुद्दों पर चर्चा हुई। सुप्रिया सुले ने ये भी कहा कि ये बैठक अकादमिक थी और उसमें राजनीति पर कोई चर्चा नहीं होती है। दरअसल, काफी अर्से से अटकलें लग रही हैं कि जयंत पाटिल भी अजित पवार की एनसीपी के खेमे में जा सकते हैं। जयंत पाटिल हालांकि कह चुके हैं कि ये महज अफवाह है और वो शरद पवार के साथ ही हैं।

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इससे पहले भी इन अटकलों ने जोर पकड़ा था कि शरद पवार और अजित पवार के बीच सुलह हो सकती है। अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की थी। जिसके बाद मामला चुनाव आयोग गया। जहां दस्तावेजों और समर्थन देने वाले नेताओं की संख्या के आधार पर अजित पवार के गुट को असली एनसीपी मानते हुए पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी दिया गया। वहीं, शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अभी सुप्रीम कोर्ट से ये फैसला नहीं आया है कि एनसीपी अजित पवार की है या शरद पवार की।