नई दिल्ली। हरियाणा के नूंह जिले में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा आयोजित रैलियां जांच के दायरे में आ गई हैं, जिससे हस्तक्षेप के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रैलियों पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है। इसके अलावा सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया है। याचिकाकर्ताओं ने बढ़ते तनाव और चिंताओं का हवाला देते हुए दो दक्षिणपंथी समूहों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
बीते दो दिनों से हिंसा की आग में झुलस रहे नूंह में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति के जवाब में, बजरंग दल और वीएचपी ने देश भर में कई स्थानों पर रैलियां आयोजित की हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि किसी भी तरह के तनाव को बढ़ने से रोकने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए वीएचपी और बजरंग दल द्वारा आयोजित रैलियों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।
#BREAKING [Supreme Court order in the Nuh violence case]
>> accepted and admitted that directions given by SC on October 21, 2022 by Justice KM Joseph led bench have to be complied with (on restriction of hate speech etc)
>>we hope and trust that state along with police shall… pic.twitter.com/z2LjJ0bxWP
— Bar & Bench (@barandbench) August 2, 2023
याचिकाकर्ताओं का मानना है कि यदि विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की अनुमति दी गई, तो संभावित रूप से और अधिक गड़बड़ी हो सकती है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बहाल करने के प्रयास बाधित हो सकते हैं।