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Great Loss To India: भारत के पहले परमाणु बम का बटन दबाने वाले वैज्ञानिक प्रणब दस्तीदार का निधन, इस तरह काम के लिए गए थे चुने

दस्तीदार को सरकार ने पद्मश्री सम्मान दिया था और वो भाभा परमाणु केंद्र के समूह निदेशक भी रहे थे। वो संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA में भी डायरेक्टर रहे। भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी अरिहंत के रिएक्टर का डिजाइन करने वाली टीम को भी उन्होंने महत्वपूर्ण सलाह दी थी।

नई दिल्ली। 18 मई 1974 का दिन। इसी तारीख को भारत के वैज्ञानिकों ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इस परीक्षण के दौरान परमाणु बम को बटन दबाकर विस्फोट कराने वाले वैज्ञानिक का अमेरिका में निधन हो गया है। उनका नाम प्रणब दस्तीदार था। 11 फरवरी को अमेरिका के कैलिफोर्निया में प्रणब दस्तीदार ने अंतिम सांस ली। बता दें कि भारत के पहले परमाणु बम परीक्षण का कोड नाम ‘द स्माइलिंग बुद्धा’ यानी मुस्कुराते हुए बुद्ध रखा गया था। प्रणब दस्तीदार उस परीक्षण से इतने उत्साहित थे कि परीक्षण के इतने साल बीतने के बाद भी हर मौके पर उस क्षण को याद करते थे, जब परमाणु बम विस्फोट के लिए उन्होंने बटन दबाया था।

atomic blast

प्रणब दस्तीदार ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था कि जब उन्हें जिम्मा सौंपा गया, तो वो बहुत उत्साहित थे। वजह ये थी कि भारत परमाणु ताकत बनने वाला देश होने जा रहा था। प्रणब दस्तीदार को परीक्षण के लिए बटन दबाने के वास्ते क्यों चुना गया, इसकी जानकारी मशहूर परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने अपनी किताब ‘इयर्स ऑफ पिलग्रिमेज’ में दी है। रमन्ना के मुताबिक परीक्षण के दिन बहस हुई कि बटन दबाने का जिम्मा किसे दिया जाए। इस पर उन्होंने सुझाव दिया कि परमाणु बम का ट्रिगर जिसने बनाया है, उसे ही जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। जिसके बाद प्रणब दस्तीदार को चुना गया क्योंकि उन्होंने ही ट्रिगर को डिजाइन किया था। पोखरण में परमाणु परीक्षण सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर किया गया था। वो बम 1400 किलो वजन का और 1.25 मीटर व्यास यानी डायमीटर का था।

atomic blast 1

दस्तीदार को सरकार ने पद्मश्री सम्मान दिया था और वो भाभा परमाणु केंद्र के समूह निदेशक भी रहे थे। वो संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA में भी डायरेक्टर रहे। भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी अरिहंत के रिएक्टर का डिजाइन करने वाली टीम को भी उन्होंने महत्वपूर्ण सलाह दी थी।