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UP: संस्कृत सम्भाषण कक्षा के दूसरे चरण का हुआ समापन, 5,000 संस्कृत प्रेमी हुए लाभान्वित

Uttar Pradesh: प्रशिक्षक नूतन विष्णु रेग्मी ने भी इस नई तकनीक से संस्कृत कक्षा का संचालन करने का नया अनुभव के साथ संस्कृत को किस तरह भारत के लोगों के साथ-साथ विदेशी लोगों से भी जोड़ सकेंगे इसके बारे में बताया। सीतापुर से दीनदयाल शुक्ल (सहप्रशिक्षक) भी इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के भाषा विभाग के अन्तर्गत आने वाले लखनऊ के उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् की 20 दिवसीय प्रथमस्तरीय-आनलाइन-संस्कृत सम्भाषण योजना के तहत 20 अगस्त 2021 (उद्घाटन समारोह) से व्यापक रुप में प्रारम्भ होने वाली द्वितीय चक्र के संस्कृत कक्षाओं का समापन समारोह पूरे प्रदेश में जगह-जगह 16 सितम्बर 2021 को किया गया। इसी क्रम में संतकबीर नगर के श्रीराम शंकर संस्कृत विद्यापीठ, कोडरा से भी संस्थान के संस्कृत भाषा प्रशिक्षक नूतन विष्णु रेग्मी ने भी गूगल मीट के माध्यम से इस समापन कार्यक्रम का सायं 5 बजे से संचालन किया। जिसमें विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर के व्रजघाट स्थित अन्नपूर्णा गुरुकुल से संस्कृत भारती बरेली प्रान्त के कर्मठ कार्यकर्ता सतीश शर्मा थे। कार्यक्रम का शुभारंभ हरियाणा से शिक्षार्थी कपीश (हरियाणा) ने वैदिक मंगलाचरण और छाया त्रिपाठी (जौनपुर) ने लौकिक मंगलाचरण करके किया।

कार्यक्रम में मुख्यातिथि/अध्यक्ष के रूप में दिल्ली से आमन्त्रित संस्कृत अध्यापक तथा ONLINE SANSKRIT UNIVERSITY (YOUTUBE CHANNEL) के स्रष्टा डा. छविलाल न्यौपाने विराजित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन से सबको प्रेरित किया। वैसे ही कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सतीश शर्मा ने सबको आगे भी संस्कृत से जुड़े रहने के लिए कहा। सारस्वत अतिथि के रूप में दिल्ली से जुड़ी शास्त्रीय संगीत की गायिका/समाजसेवी/कवयित्री दीपलता उपाध्याय ने सभी को साधुवाद देते हुए अपने मधुर स्वर में सुन्दर संस्कृत गीत प्रस्तुत किया।

प्रशिक्षक नूतन विष्णु रेग्मी ने भी इस नई तकनीक से संस्कृत कक्षा का संचालन करने का नया अनुभव के साथ संस्कृत को किस तरह भारत के लोगों के साथ-साथ विदेशी लोगों से भी जोड़ सकेंगे इसके बारे में बताया। सीतापुर से दीनदयाल शुक्ल (सहप्रशिक्षक) भी इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे। छात्रों में उर्मिला (हिमाचल प्रदेश) अनुशिका घोषाल (झारखंड), सिद्धांत (गोवा),  श्रीधर (जर्मनी) इत्यादि शिक्षार्थियों ने कक्षा का अनुभव सुनाया। शिक्षार्थी सागर (पश्चिम बंगाल) ने संस्कृत गीत सुनाया। ऐश्वर्या परब (महाराष्ट्र )ने संस्कृत के राघवयादवीयम् काव्य के अद्भुत श्लोकों को बताया।समृद्धि (उत्तर प्रदेश) ने भगवद्गीता के 12वां अध्याय कण्ठस्थ सुनाया।

20 दिन की कक्षाओं के बाद 15 सितम्बर के सायंकाल 7-8 बजे हुई परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षार्थियों को संस्थान शीघ्र ही प्रमाणपत्र भी उपलब्ध करवाया गया।कार्यक्रम में 40-50 लोग उपस्थित थे। अन्त में प्रशिक्षक और कार्यक्रम संचालक नूतन विष्णु रेग्मी ने सभी को धन्यवाद देते हुए शान्ति मन्त्र से समारोप सत्र का समापन किया। कक्षा सुचारु रूप से चले इसके लिए रामशंकर संस्कृत विद्यापीठ कोडरा के प्राचार्य डा. हरि प्रसाद सिंह का भी विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। अब इस योजना के लिए विदेशी लोगों का भी ध्यानाकर्षण हो रहा है। कई विदेशी नामांकन भी कर रहे हैं।

इस बार कुछ लोग भारत के बाहर से भी इस कक्ष्या में जुडे। इस ऐतिहासिक योजना के पीछे योगी सरकार के साथ-साथ यूपी संस्कृत संस्थान के निदेशक पवन कुमार (आईएएस) अध्यक्ष डा वाचस्पति मिश्र , प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ट कुमार मिश्र एवं इस योजना के क्रियान्वयन समिति के सदस्य सहित योजना के मेरुदण्ड प्रशिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। योजना के सफल होने में इसके प्राणभूत छात्रों की भी बड़ी भूमिका रही।

इस बार कक्षा लेने वाले हज़ारों छात्रों के संस्कृत भाषा के प्रति अतुलनीय रूचि को देखते हुए संस्थान अब द्वितीय स्तरीय संस्कृत सम्भाषण योजना को भी जल्द ही मूर्त रूप देना वाला है। इसके साथ-साथ प्रथम स्तरीय संस्कृत सम्भाषण कक्षा के लिये 9522340003 नम्बर पर मिस्डकाल के माध्यम से मिलने वाले मैसेज में से संस्थान के वेवसाइट के लिंक पर नामांकन करने की प्रकिया भारी तादाद में जारी है।

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