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Digvijay Singh: सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगकर घिरे दिग्विजय सिंह ने बदला पैंतरा, अब ये सवाल लगे उठाने

दिग्विजय के इन बयानों से इस मामले में उठा सियासी तूफान एक बार फिर तेज हो सकता है। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मंच से दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले के बाद पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत न दिए जाने की बात कही थी।

नई दिल्ली। भारतीय सेना के शौर्य पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया था। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय के बयान को उनका निजी बताया था। इसके बाद अब दिग्विजय सिंह ने उसी बयान को आधार बनाकर पैंतरा बदलते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधना जारी रखा है। कई ट्वीट्स में दिग्विजय सिंह ने पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं। दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत खुफिया जानकारी के अभाव में हुई। इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने ये पूछा है कि आतंकियों को 300 किलो आरडीएक्स कहां से मिला? साथ ही ये भी पूछा है कि सीआरपीएफ जवानों को एयरलिफ्ट करने के आग्रह को क्यों नहीं माना गया?

दिग्विजय सिंह ने ये भी पूछा है कि आतंकियों की मदद में पकड़े गए पुलवामा के निवासी डीएसपी देविंदर सिंह को क्यों छोड़ दिया गया? उन्होंने ये भी पूछा है कि पुलवामा सबसे ज्यादा आतंकग्रस्त इलाका है। फिर भी वहां इलाके और गाड़ियों की जांच क्यों नहीं की गई थी? दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि मोदी सरकार से मेरे ये जरूरी सवाल हैं। क्या जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुझे हकीकत जानने का हक नहीं है? पुलवामा की गंभीर घटना के लिए किसे सजा दी गई? अगर ऐसी घटना किसी और देश में होती, तो गृहमंत्री को इस्तीफा देना पड़ता।

Digvijay On Surgical Strike

दिग्विजय के इन बयानों से इस मामले में उठा सियासी तूफान एक बार फिर तेज हो सकता है। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मंच से दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले के बाद पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत न दिए जाने की बात कही थी। इस पर जब बीजेपी और तमाम लोगों ने दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को घेरा, तो कांग्रेस ने दिग्विजय के बयान को निजी बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। उसके बाद से कांग्रेस और दिग्विजय लगातार कह रहे हैं कि सेना के प्रति उनका सम्मान है। इसके साथ ही सवालों को घुमाकर मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू किया है।