
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के अड़ियल रवैये से उपजे संकट को कांग्रेस आलाकमान ने अनुशासनहीनता के दायरे में लिया है। इसके संकेत थोड़ी देर पहले आलाकमान की तरफ से भेजे गए पर्यवेक्षकों में से एक अजय माकन के बयान से मिले। माकन ने मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में साफ कहा कि जब विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, तो उसके समानांतर गहलोत समर्थक मंत्री शांति धारीवाल के यहां बैठक करना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। माकन ने ये भी कहा कि वे एक-एक कर सभी विधायकों से मुलाकात करना चाहते थे। इंतजार भी करते रहे, लेकिन कोई विधायक अपनी बात रखने के लिए नहीं आया।
कांग्रेस में चल रही सियासी संकट और विधायकों की बगावत पर अजय माकन ने कि मीडिया से बात, सुूनिए क्या कहा…#RajasthanWithNews18 #RajasthanCongressCrisis @ajaymaken pic.twitter.com/3zcvRP0ykg
— News18 Rajasthan (@News18Rajasthan) September 26, 2022
अजय माकन ने ये भी कहा कि कांग्रेस के इतिहास में आज तक यही हुआ है कि विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पास किया जाता है और उसे आलाकमान के फैसले के लिए भेजा जाता है। यहां गहलोत समर्थक विधायक प्रस्ताव की जगह शर्तें रख रहे हैं और इसे किसी भी हालत में प्रस्ताव के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। अशोक गहलोत के बारे में ये पूछे जाने पर कि उनको क्या संदेश है, माकन ने कहा कि किसी के लिए कोई संदेश नहीं है। सबको राहुल गांधी का हाथ मजबूत करने के लिए एकजुटता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।

अजय माकन ने ये जानकारी भी दी कि उन्हें ये नहीं पता कि गहलोत समर्थक कितने और किन-किन विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे अब दिल्ली जा रहे हैं। वहां हम कांग्रेस के नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। माकन के इस बयान से लग रहा है कि कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में कुछ गहलोत समर्थकों पर कार्रवाई भी करने के मूड में है।