
पानीपत। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप लगता है कि उसके यहां महिलाओं को जगह नहीं दी जाती। हालांकि, दुर्गा वाहिनी के नाम से आरएसएस की महिला शाखा है, लेकिन आरएसएस की शाखाओं में महिलाओं को देखा नहीं जाता। अब महिला विरोधी होने के इन आरोपों का जवाब देने की तैयारी आरएसएस ने की है। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के संयुक्त सचिव मनमोहन वैद्य ने महिलाओं के लिए अलग से शाखा लगाने की बात कही है। हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा में ये बात मनमोहन वैद्य ने कही। समालखा में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक हो रही है।

मनमोहन वैद्य ने कहा कि देशभर में अभी करीब 75000 जगह आरएसएस की शाखाएं लगती हैं। महिलाओं के लिए अलग से शाखा लगाने का काम किया जाएगा। इस साल आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में महिलाओं के लिए संघ की शाखा लगाना आरएसएस का बड़ा कदम होगा। आरएसएस में कई और अहम बदलाव भी बीते दिनों हुए हैं। अब स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया जाता है। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने इसके अलावा संघ में कई और सुधार भी शुरू कराए हैं। नियमित रूप से शहरों और कस्बों में पथ संचलन के जरिए भी आरएसएस अपनी पैठ बना रहा है।

मनमोहन वैद्य के मुताबिक आरएसएस की अब 68651 शाखाएं लगती हैं। पहले 42613 शाखाएं हर दिन लगाई जाती थीं। संघ मंडली में भी 20 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उन्होंने जानकारी दी। ऐसी शाखाएं भी आरएसएस लगाता है, जिनमें परिवार के सभी सदस्य हिस्सा लेते हैं। हर हफ्ते बैठकों की संख्या भी बढ़ाकर 6543 की गई हैं। आरएसएस की समालखा में हो रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में 34 संगठनों के 1400 से ज्यादा लोग शामिल हो रहे हैं। ये बैठक 14 मार्च तक चलेगी।