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Karnataka Elections: मुस्लिम आरक्षण पर शाह ने लगाई कांग्रेस की क्लास, पूछा ये तीखा सवाल, कहा– प्रचार खत्म होने से पहले चाहिए जवाब

Karnataka Elections: गत दिनों चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने पर मुस्लिम को 4 प्रतिशत से आरक्षण बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने का ऐलान किया था, जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है। बीजेपी का कहना है कि संविधान में धर्म का आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, अमित शाह ने आरक्षण को लेकर कांग्रेस से तीखे सवाल पूछे हैं।

नई दिल्ली। कर्नाटक का चुनावी रण रोमांचक मोड़ पर आ चुका है। बीजेपी कांग्रेस एक दूसरे पर मुख्तलिफ मुद्दों को लेकर हमलावर हैं। सभी दलों के नेता जनता के बीच में खुद को बेहतर राजनेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। अब ऐसे में जनता किसे खुद के लिए एक बेहतर नेता के रूप मे देखती है। यह तो फिलहाल 13 मई यानी की नतीजों के दिन ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन उससे पहले चुनाव प्रचार का सिलसिला जारी है। बता दें कि आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है, तो सभी दल जनता को रिझाने में अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। आज इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

दरअसल, गत दिनों चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने पर मुस्लिम आरक्षण को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने का ऐलान किया था, जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई। बीजेपी का कहना है कि संविधान में धर्म का आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, अमित शाह ने आरक्षण को लेकर कांग्रेस से तीखे सवाल पूछे हैं। एक इंटरव्यू के दौरान शाह ने पूछा कि अगर कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत करना चाहती है, तो मैं यह पूछना चाहता हूं कि बाकी के दो प्रतिशत आरक्षण कांग्रेस का किसका काटेगी? ओबीसी का? SC का? ST का? कर्नाटक की जनता को इसका जवाब प्रचार खत्म होने से पहले ही चाहिए। शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है।

शाह ने आगे अपने संबोधन में कहा कि आरक्षण के भीतर हमने आरक्षण बहुत सोच समझकर किया है। उदारहण के लिए मान लीजिए कि अनुसूचित जाति के भीतर भी आरक्षण की सीमा निर्धारित की गई है, लेकिन आपको बताना चाहता हूं कि कांग्रेस सियासी फायदे के लिए आरक्षण को खत्म करना चाहती है। इस बीच शाह ने अपने संबोधन में कहा कि डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में चौतरफा विकास की बयार बहेगी। इस बीच शाह ने मुख्तलिफ मसलों का जिक्र कर सूबे की जनता को रिझाने की कोशिश की है। बहरहाल, अब उनकी यह कोशिश कितनी सफल साबित हो पाती है। यह तो फिलहाल नतीजों वाले दिन यानी की 13 मई को ही पता चल पाएगा।