नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को यहां कहा कि जनता के हर सुख-दुख में साथ रहने वाली दिल्ली पुलिस को कभी दुखी नहीं रहने दिया जाएगा, और केंद्र सरकार ने करीब 225 करोड़ रुपये का बजट पास करके दिल्ली पुलिस कर्मियों के आशियाने के इंतजाम को अंतिम रूप दे दिया है।
शाह ने कहा कि इस बजट में कुछ फ्लैट बने बनाए खरीदे जाएंगे, जबकि कुछ का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा करीब 857 करोड़ रुपये दिल्ली पुलिस को सेफ सिटी परियोजना की मद में स्वीकार किए जा चुके हैं। अमित शाह नई पुलिस लाइन स्थित दिल्ली पुलिस के 73वें स्थापना दिवस समारोह में पुलिस कर्मियों को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मौजूद पुलिस अफसरों और जवानों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा, “दिल्ली पुलिस ने हर अवसर पर दुनिया में देश का गौरव बढ़ाया है। लिहाजा सरकार ने भी दिल्ली पुलिस की हर संभव मदद के लिए अपने हाथ हमेशा उसके साथ रखे हैं। दिल्ली पुलिस को केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग का ही नतीजा है कि आज देश में दिल्ली पुलिस ने साइबर क्राइम रोकथाम, नेशनल साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना करके एक मिसाल कायम कर दी है।”
गृहमंत्री ने आगे कहा, “दिल्ली पुलिस के लिए करीब 9300 सीसीटीवी और मंजूर कर दिए गए हैं। जबकि 45 सौ वाहन व 1600 मोटरसाइकिलें खरीदने को भी हरी झंडी दे दी गई है। ये सब शीघ्र ही दिल्ली पुलिस के बेड़े में शामिल होने वाले हैं। जबकि 135 थाना क्षेत्रों में करीब 10 हजार सीसीटीवी पहले से ही लगे हुए हैं।” अमित शाह ने इस अवसर पर सेफ सिटी परियोजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “इस परियोजना के अंतर्गत ही दिल्ली पुलिस को सरकार ने 857 करोड़ रुपये का बजट दिया है।” केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा, “दिल्ली पुलिस और नागरिकों के बीच की दूरी कम होगी तो आपसी विश्वास और सामंजस्य भी बढ़ेगा।”
शाह ने इस मौके पर पुलिसकर्मियों की समस्याओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में पुलिसकर्मियों के रहने के लिए करीब सात सौ फ्लैटों का इंतजाम किया जा रहा है। इनमें से 200 फ्लैट दिल्ली के नरेला इलाके में बने-बनाए खरीदे जा रहे हैं। जबकि 500 और फ्लैटों का भी इंतजाम हो रहा है। इसके लिए करीब 225 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया जा चुका है।” गृहमंत्री शाह ने आगे कहा, “पुलिस कर्मियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाए मुहैया कराने की ओर भी केंद्र सरकार अग्रसर है। जब पुलिसकर्मी खुश रहेंगे तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘स्मार्ट पुलिस’ के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा।”