पुणे। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तो उनके खिलाफ दंगों के मामले में एसआईटी जांच हुई थी। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनको मौत का सौदागर तक कहा था। कुल मिलाकर मामला ये बना कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति की। अब नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और सांसद शरद पवार ने मोदी के खिलाफ कांग्रेस की प्रतिशोध की राजनीति का खुलासा किया है। पवार ने एक मराठी अखबार के पुणे में हुए कार्यक्रम में कहा कि वो और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह नहीं चाहते थे कि मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति हो।
पवार ने कहा कि मोदी लगातार मनमोहन सिंह पर हमला करते थे। ऐसे में यूपीए सरकार में कोई और मंत्री या नेता नहीं था, जो मोदी से बातचीत करे। बता दें कि शरद पवार केंद्र की यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि मंत्री थे। पवार से जब पूछा गया कि क्या उनकी और मनमोहन सिंह की राय थी कि मोदी के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई न करें, तो उन्होंने कहा कि ये आंशिक तौर पर सच है। उन्होंने कहा कि जब पीएम सभी सीएम की बैठक बुलाते थे, तो मोदी भी उसमें आते थे और केंद्र सरकार पर निशाना साधते थे। पवार ने कहा कि यूपीए की बैठक में वो लगातार कहते थे कि भले ही मोदी से मतभेद हैं, लेकिन इसे पर्सनल तौर पर न लिया जाए।
पवार ने कार्यक्रम में मोदी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि उनके कामकाज की शैली बहुत अच्छी है और कोई भी काम हाथ में लेने पर मोदी उसे हर हाल में पूरा जरूर करते हैं। पवार ने कहा कि मोदी काम को पूरा करने के लिए काफी समय भी निकालते हैं। साथ ही प्रशासन पर उनकी अच्छी पकड़ भी उनके मजबूत पक्ष को दिखाती है। शरद पवार का ये बयान अब कांग्रेस के लिए बैकफायर कर सकता है। बीजेपी पवार के इस बयान को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमले तेज कर सकती है।