नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार में तनाव का दौर चल रहा है। जहां कांग्रेस अभी से अगले विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने की तैयारी कर रही है। तो वहीं अब शिवसेना ने कांग्रेस पर अपने मुखपत्र सामना के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा है। बता दें कि गुरुवार को शिवसेना की तरफ से राहुल गांधी के ट्विटर सक्रियता को लेकर निशाना साधते हुए कहा गया कि मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी की जो आलोचना है, वह सिर्फ ट्विटर पर दिखाई पड़ती है। गौरतलब है कि अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने की तरफ से लिखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली, उनकी गलतियों की आलोचना राहुल गांधी करते हैं, लेकिन यह सब सिर्फ ट्विटर पर ही दिखाई देता है। दरअसल कोरोना काल में राहुल गांधी सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहे। उन्होंने अपने ट्वीट्स में केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साधा। राहुल ने कोरोना, अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लगातार ट्वीट किया। इसी को लेकर शिवसेना ने उनपर निशाना साधा है।
सामना के लेख में आगे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लिखा गया है कि, लोगों के गुस्से के बाद भी भाजपा को अपने आप पर भरोसा है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। सामना में आगे लिखा गया है कि इसकी वजह कमजोर और विघटित विपक्षी पार्टियां हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के हाव-भाव पहले के मुकाबले अब बदले हुए हैं। सामना में दावा किया गया है कि अब के हाव-भाव से साफ पता चलता है कि वह समझ गए हैं कि देश के हालात अच्छे नहीं हैं और स्थिति उनके कंट्रोल से बाहर है।
वहीं लेख में शरद पवार के घर पर विपक्षी पार्टियों की मीटिंग को सामना में सराहा गया है। दरअसल यह बैठक तीसरे मोर्चे की संभावना को तलाशता है, ऐसे में इसपर चर्चा के लिए यह मीटिंग हुई थी। फिलहाल इसमें कांग्रेस और शिवसेना शामिल नहीं हुई थी। शिवसेना ने लिखा है कि कांग्रेस जो कि महा विकास अघाड़ी की पार्टनर भी है, उसे भी ऐसी बैठकों में शामिल किया जाना चाहिए।