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Shankaracharya On Pran Pratistha: ‘राम मंदिर का गर्भगृह पूरा हो चुका है, प्राण प्रतिष्ठा पर विवाद न हो’, शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य का बयान; पीएम मोदी के पूजा करने को भी सही बताया

Shankaracharya On Pran Pratistha: इससे पहले कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने भी राम मंदिर पूरा न बनने और शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाने को लेकर मचाए जा रहे हल्ले पर कहा था कि ऐसा कुछ नहीं जो बताया जा रहा है।

नई दिल्ली। काफी दिनों से विवाद चल रहा है कि राम मंदिर पूरा नहीं बना है और फिर भी वहां प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस इस मसले पर सभी 4 शंकराचार्य के शामिल न होने पर सवाल उठा रही है। अब इस मामले में शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी भारती जी तीर्थ की तरफ से धर्माधिकारी देवजन केएन सोमयाजी का बयान आया है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में धर्माधिकारी ने कहा कि एक बार गर्भगृह पूरा बन जाए, तो समारोह को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। सोमयाजी ने अखबार से कहा कि मंदिर का निर्माण लंबी प्रक्रिया है और दो-तीन पीढ़ी तक चलता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में गर्भगृह पूरा हो चुका है। सोमयाजी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और हिंदू परंपरा के मुताबिक शुद्धिकरण के बाद रामलला की प्रतिमा को लेकर जाएंगे।

कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने भी प्राण प्रतिष्ठा के पक्ष में बयान दिया था।

इससे पहले कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने भी राम मंदिर पूरा न बनने और शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाने को लेकर मचाए जा रहे हल्ले पर कहा था कि ऐसा कुछ नहीं जो बताया जा रहा है। स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि भगवान राम के आशीर्वाद से 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी। शंकराचार्य ने कहा था कि समारोह के दौरान यज्ञशाला की पूजा भी विद्वान करेंगे। इसके अलावा कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की थी और कहा था कि भारत के तीर्थस्थलों के विकास में उनका खास विश्वास है।

राम मंदिर पूरा न बनने पर सवाल उठाने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद।

ये सारा विवाद इस वजह से उपजा, क्योंकि खुद को शंकराचार्य बताने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राम मंदिर के पूरा हुए बिना वहां प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ बयान दिया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान को ही आधार बनाकर कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना दिया और ये भी कहा कि चारों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जा रहे हैं। इसी के बाद सोशल मीडिया में तमाम लोग शंकराचार्यों के खिलाफ अपनी राय रखने लगे। अब दो शंकराचार्यों की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा को सही ठहराए जाने से विवाद के खत्म होने की संभावना है।