नई दिल्ली। एक समय में भारतीय राजनीति की धुरी रही कांग्रेस, बीजेपी लहर की ऐसी शिकार बनी कि अब वह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। एक समय था कि वह केन्द्र के अलावा, एक साथ कई-कई राज्यों में नीति-निर्माण की अगुआई करती थी, आलाकमान के फैसले के आगे किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि वह उस फैसले के इतर सोचे? लेकिन आज हालत यह है कि, हाइकमान ‘क’ कहता है तो पार्टी के कार्यकर्ता ‘ख’ कहते नजर आते हैं। यह हालत कांग्रेस की आंतरिक कलह को उजागर तो करती ही है, बीजेपी के लिए माहौल का भी निर्माण करती है। इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस में अभी वह दम नहीं है, जिससे भाजपा को रोकने की उसके हसीन सपने पूरे हो सकें? यह दिक्कत तब और बढ़ जाती है जब पार्टी के नेता बगावती तेवर अपनाते हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी रविवार को पंजाब में मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान करने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही पंजाब कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सिद्धू ने एक बड़ी बात कही है।
‘पहले 60 विधायक जीताएं, फिर CM की बात करें’ –सिद्धू
गौरतलब है कि कांग्रेस ने सीएम फेस का ऐलान करने से पहले एक फोन सर्वे कराया है, जिसमें चन्नी को फेवरिट बताया गया है। नवजोत सिंह सिद्धू इससे खीझे हुए हैं। नाराज सिद्धू ने कहा कि, ‘सीएम कौन होगा यह तो पंजाब को तय करना है, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह कि सीएम तब चुना जाएगा जब 60 विधायक होंगे। यहां कोई भी 60 विधायकों की बात नहीं कर रहा है, कोई भी सरकार गठन के रोडमैप के बारे में बात नहीं कर रहा है।’ यह जानना दिलचस्प है कि सिदूधू और चरनजीत सिंह चन्नी पंजाब में कांग्रेस के दो बड़े चेहरे हैं, और दोनों ने ही मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश की है।
फोन सर्वे में चन्नी हैं आगे
पंजाब में मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए इस बात को लेकर कांग्रेस द्वारा एक फोन सर्वे कराया गया है। खबर है कि इस सर्वे में चरनजीत सिंह चन्नी आगे नजर आ रहे हैं। यह बात सिद्धू को परेशान कर रही है। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस में कलह नजर आ रही है। गौरतलब है कि सिद्धू पार्टी के लिए मुसीबतें खड़ी करते रहे हैं। अब इस बखेड़े में फायदा और किसी का हो न हो, भाजपा को जरूर होने वाला है।