बेल्लारी। क्या गांधी परिवार राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से खफा है? क्या गहलोत और गांधी परिवार और खासकर राहुल गांधी के बीच अब भी तनातनी है? ये सवाल इसलिए क्योंकि शनिवार को कर्नाटक के बेल्लारी में जो नजारा दिखा, उससे संकेत मिल रहे हैं कि गहलोत और गांधी परिवार के बीच रिश्ते शायद पहले जैसे नहीं हैं। ये संकेत राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मिले। भारत जोड़ो यात्रा ने 1000 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। इस उपलब्धि पर बेल्लारी में राहुल गांधी की जनसभा थी। इसमें कई बड़े नेताओं के साथ अशोक गहलोत भी शामिल हुए थे। इस जनसभा में कुछ ऐसा हुआ, कि लोग देखकर दंग रह गए।
जनसभा में सभी नेताओं ने भाषण दिया। इसके बाद राष्ट्रगान होने लगा। राष्ट्रगान के बाद अशोक गहलोत राहुल गांधी से मिले बिना आगे बढ़े और कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर वहां से चले गए। जबकि, मंच पर मौजूद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और अन्य नेताओं ने राहुल गांधी से बातचीत की। अब ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर गहलोत राहुल गांधी से कन्नी काटकर मंच से चले क्यों गए? क्या अब भी राजस्थान के मसले पर दोनों पक्षों में तनातनी है?
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार के भेजे पर्यवेक्षकों के खिलाफ गहलोत समर्थक विधायकों ने हंगामा कर दिया था। इन समर्थक विधायकों ने पर्यवेक्षकों की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल न होकर अलग से बैठक की थी। विधायकों ने साफ कह दिया था कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की वजह से सीएम पद छोड़ते हैं, तो सचिन पायलट को किसी सूरत में राजस्थान की सत्ता न सौंपी जाए। इस मसले ने गंभीर रूप लिया था। जिसके बाद नाराज आलाकमान को मनाने के लिए गहलोत दिल्ली गए थे और वहां सोनिया से मिलकर घटनाक्रम के लिए माफी भी मांगी थी।