नई दिल्ली। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), जेडीयू, आरजेडी, उद्धव ठाकरे गुट, डीएमके, वीसीके, सीपीआई, सीपीएम समेत 19 राजनीतिक दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। इन सभी दलों का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से संसद का उद्घाटन न कराना महिला और आदिवासी विरोधी है। विपक्षी पार्टियों ने साझा बयान भी इस बारे में जारी किया है।
वहीं, बीजेपी ने भी अब संसद भवन उद्घाटन का बहिष्कार करने वालों पर पलटवार किया है। बीजेपी ने अपने पलटवार में संसद भवन परिसर में दो भवनों के उद्घाटन में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का नाम लेकर विपक्ष को घेरा है।
कांग्रेस नेताओं को समझ लेना चाहिए कि झूठ को हिंदी में दोहराने से वो सच नहीं हो जायेगा!
जब 1975 में श्रीमती इंदिरा गाँधी ने संसद एनेक्स का उद्घाटन किया था और श्री राजीव गाँधी ने 1987 में संसद पुस्तकालय की आधारशिला रखी थी तब भी देश में वही संविधान था जिसकी दुहाई आज दी जा रही है! pic.twitter.com/W1Z6kbrAC0— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 23, 2023
मोदी सरकार में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की आदत है कि जहां नहीं होता, वहां भी विवाद पैदा करती है। पुरी ने कहा कि राष्ट्रपति देश और पीएम सरकार के प्रमुख हैं। पीएम सरकार की तरफ से संसद का नेतृत्व करते हैं। उनकी नीतियां कानून के तौर पर लागू होती हैं। हरदीप पुरी ने कहा कि राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं होते, पीएम सदसय् होते हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त 1975 में तब की पीएम इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया था। पीएम रहते राजीव गांधी ने 1987 में संसद की लाइब्रेरी का उद्घाटन किया था। फिर हमारी सरकार के प्रमुख ऐसा क्यों नहीं कर सकते।
नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होना है। इससे पहले संसद भवन का शिलान्यास भी पीएम मोदी ने किया था। उन्होंने संसद भवन के ऊपर भारत के राजचिन्ह का भी अनावरण किया था। इस पर भी विपक्ष ने जमकर विरोध जताया था। मोदी पिछले दिनों नए संसद भवन को देखने गए थे। वहां उन्होंने इसे बनाने वाले कामगारों से बातचीत भी की थी। तब भी विपक्ष की तरफ से सवाल खड़े किए गए थे। अब राष्ट्रपति से उद्घाटन न कराने को विपक्ष ने मुद्दा बनाया है। खास बात ये है कि नए संसद भवन को बनाने का आग्रह लोकसभा और राज्यसभा की तरफ से आया था। जिसके बाद मोदी सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया।