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Congress Faces Heat: ‘पापा को खैरात में कुछ नहीं मिला’, गुलाम नबी आजाद के बेटे सद्दाम कांग्रेस पर भड़के

गुलाम नबी आजाद की किताब का विमोचन होने वाला है। उन्होंने इस किताब का शीर्षक ‘आजाद’ रखा है। किताब के विमोचन से पहले गुलाम नबी ने कांग्रेस की अंदरूनी हालत के बारे में मीडिया से कई दौर में बातचीत की और कई खुलासे किए। गुलाम नबी ने ये भी कहा कि राहुल गांधी की वजह से उनको कांग्रेस छोड़नी पड़ी।

नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद की किताब का विमोचन होने वाला है। उन्होंने इस किताब का शीर्षक ‘आजाद’ रखा है। किताब के विमोचन से पहले गुलाम नबी ने कांग्रेस की अंदरूनी हालत के बारे में मीडिया से कई दौर में बातचीत की और कई खुलासे किए। गुलाम नबी ने ये भी कहा कि राहुल गांधी की वजह से उनको कांग्रेस छोड़नी पड़ी। उन्होंने मीडिया को ये भी बताया कि कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व यानी गांधी परिवार के सदस्य पीएम नरेंद्र मोदी को गाली देने वाले अपने नेताओं से खुश रहते हैं। गुलाम नबी के इन्हीं बयानों के बाद कांग्रेस के तमाम नेता उनके खिलाफ बयान देने लगे। जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल जैसे कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा कि गुलाम नबी ये भूल गए कि कांग्रेस ने उनको कितना दिया है।

saddam nabi with ghulam nabi azad
गुलाम नबी आजाद के साथ उनके बेटे सद्दाम नबी।

कांग्रेस के इन्हीं नेताओं के बयानों से गुलाम नबी आजाद के बेटे सद्दाम नबी आजाद भड़क गए हैं। सद्दाम ने मीडिया से कहा कि उनके पिता ने कांग्रेस में बहुत मेहनत की है। उनको पार्टी ने कुछ भी खैरात में नहीं दिया है। सद्दाम नबी आजाद ने बताया कि बचपन में उनको अपने पिता से हफ्ते में एक दिन ही मिलने का मौका मिलता था। सद्दाम के मुताबिक गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का काम करने के लिए तमाम राज्यों के दौरे पर रहते थे। सद्दाम नबी आजाद ने कहा कि उनके पिता को सुरक्षा कारणों से दिल्ली में सरकारी आवास मिला हुआ है। जबकि, बीजेपी और कांग्रेस के तमाम नेता ऐसे सरकारी आवासों में रह रहे हैं और उनकी सुरक्षा को खतरा भी नहीं है। सद्दाम ने ये बात इसलिए कही क्योंकि कांग्रेस के नेता तंज कस रहे हैं कि पीएम मोदी की तारीफ करने की वजह से गुलाम नबी से दिल्ली का घर छीना नहीं गया है।

गुलाम नबी आजाद ने 50 साल कांग्रेस में बिताए। वो राज्यसभा के मेंबर रहे। साल 2014 से कांग्रेस की लगातार चुनावों में हार के बाद गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के 25 अन्य नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस नेतृत्व यानी गांधी परिवार को बदलाव करने के लिए चिट्ठी लिखी थी। गुलाम नबी का आरोप है कि इस चिट्ठी को लिखने के बाद ही कांग्रेस में उनको हाशिए पर किया जाने लगा। यहां तक कि कांग्रेस ने उनको फिर राज्यसभा में भी नहीं भेजा। इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बनाने का फैसला किया। उनकी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी है।