नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इतिहास रच दिया। भाजपा लगातार दूसरी बार चुनाव में जीत का परचम लहराते हुए सत्ता में काबिज हुई है। योगी आदित्यनाथ दूसरे मुख्यमंत्री होंगे, जो यूपी में दोबारा सीएम पद की शपथ लेंगे। बता दें कि यूपी में भाजपा ने 273 सीटों पर विजयी पताका फहराया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा को जनता ने सिरे नकार दिया है। भाजपा को मिले प्रंचड बहुमत को लेकर विपक्षी दलों में बौखलाहट देखने को मिल रही है। सपा के कई नेताओं को राज्य में मिली हार पर भरोसा नहीं हो रहा है। जिसके बाद से वो लगातार कभी जनादेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं, तो कभी ईवीएम पर अपनी करारी हार का ठिकारा फोड़ रहे हैं। कुल मिलाकर कहे तो चुनावी नतीजे घोषित हो जाने के बाद। सूबे में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बन जाने के बाद। उन्हें यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि वे चुनाव हार चुके हैं। लिहाजा अब सपा के कई नेता तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं।
इसी कड़ी में चुनाव से ऐन पहले बीजेपी से रूखसत होकर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ दिया है। खैर, बात अगर महज हार का ठीकरा फोड़ने तक ही सीमित रहती है, तो मसला कुछ और ही रहता है, लेकिन उन्होंने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने के साथ ही साथ बेहद ही अजीबोगरीब दावे किए हैं।
बैलेट पेपर की वोटिंग में समाजवादी पार्टी 304 सीटों पर जीती है, जबकि भाजपा मात्र 99 पर। किंतु ईवीएम की गिनती में भाजपा चुनाव जीती, इसका मतलब है कोई न कोई बड़ा खेल हुआ है।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 14, 2022
बता दें कि अपनी हार से बौखलाए स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘बैलेट पेपर की वोटिंग में समाजवादी पार्टी 304 सीटों पर जीती है, जबकि भाजपा मात्र 99 पर। किंतु ईवीएम की गिनती में भाजपा चुनाव जीती, इसका मतलब है कोई न कोई बड़ा खेल हुआ है’।
उनके इस ट्वीट से साफ जाहिर होता है कि स्वामी प्रसाद अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। शायद उन्हें यह नहीं पता कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि माना जाता है, लेकिन उन्हें इस सर्वोपरिता से कोई फर्क पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है। बता दें कि तमाम कोशिशें करने के बाद भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के हाथ कामयाबी नहीं लगी है। सपा की हालत से तो वाकिफ हो ही गए होंगे। उधर, बसपा को कैसे लोगों ने सिरे से खारिज कर किया है, वो तो आपको पता ही होगा। बहरहाल, चुनावी नतीजों ने तो ये बयां कर ही दिया है कि सूबे में एक बार फिर से लोगों ने सीएम योगी की सरकार का इस्तकबाल किया है।