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हिंसक झड़प में चीनी सैनिकों की मौत और उन्हें कब्जे में लेने को लेकर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने दिया बड़ा बयान

इसके अलावा पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने चीनी सैनिकों को कब्जे में लेने को लेकर कहा कि, झड़प के दौरान दोनों तरफ से कुछ सैनिक एक दूसरे के इलाके में चले गए।

नई दिल्ली। भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच LAC पर हुए हिंसक झड़प में भारत की तरफ से 20 जवानों की शहादत हुई। इसको लेकर भारतीय सेना ने पुष्टि भी की है। दूसरी तरफ चीन की सेना के कितने लोग मारे गए इसको लेकर चीन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया। हालांकि मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री व पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है।

India-China LAC

कम से कम 40 जवान मारे गए

आपको बता दें कि प्राइवेट न्यूज चैनल News24 से बात करते हुए पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने खुलासा किया है कि भारतीय सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के कम से कम 40 जवान मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि, “अगर हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं तो चीन की तरफ से मरने वालों की संख्या कम से कम डबल से ज्यादा ही होगी।”

vk singh

भारत ने भी चीनी सैनिकों को कब्जे में लिया था

इसके अलावा पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने चीनी सैनिकों को कब्जे में लेने को लेकर कहा कि, “झड़प के दौरान दोनों तरफ से कुछ सैनिक एक दूसरे के इलाके में चले गए। ऐसा नहीं है कि सिर्फ चीन ने ही भारत के सैनिकों को लौटाया है, बल्कि भारत ने भी चीनी सैनिकों को कब्जे में लिया था और उन्हें वापस चीन की तरह लौटाया है। लेकिन हम कई चीजों को बताते नहीं हैं, क्योंकि उसका कोई मतलब नहीं है।”

VK SINGH

पीपी14 और गलवान घाटी क्या हमारे कब्जे में है

पीपी14 और गलवान घाटी क्या हमारे कब्जे में है? इस सवाल पर वीके सिंह ने एंकर को जवाब देते हुए कहा कि, “गलवान घाटी बहुत लंबी है, जिसका कुछ हिस्सा भारत के क्षेत्र में पड़ता है और कुछ हिस्सा चीन के क्षेत्र में आता है। पीपी14 का भी यही हाल है। तो ये कहना कि चीनी सैनिक गलवान घाटी में आ गए तो ये गलत है। क्योंकि गलवान घाटी में चीन के सैनिक 1962 से ही हैं, जहां तक उनका क्षेत्र है।”

वीडियो-

आपको बता दें कि गुरुवार देर रात खबर आई थी कि भारतीय सेना के दो मेजर सहित 10 जवानों को चीनी सेना ने अपने कब्जे से छोड़ा है। इसी को लेकर वीके सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने भी चीन के सैनिकों को हिंसक झड़प के दौरान कब्जे में लिया था, जिन्हें छोड़ दिया गया है।