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Subhanshu Shukla Space Odessy To ISS: भारत के शुभांशु शुक्ला 10 जून को अंतरिक्ष के लिए भरेंगे उड़ान, सुनीता विलियम्स को धरती पर लाने वाला ड्रैगन कैप्सूल ले जाएगा आईएसएस

Subhanshu Shukla Space Odessy To ISS: गुरुवार को ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के बीच काफी विवाद हुआ है। पहले लग रहा था कि शुभांशु के मिशन पर इसका असर न पड़ जाए, लेकिन नासा और एक्सिओम ने बताया है कि मिशन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और वक्त पर ही ड्रैगन कैप्सूल शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आईएसएस के लिए उड़ान भरेगा।

नई दिल्ली। अंतरिक्ष में भारत एक नई इबारत लिखने जा रहा है। 10 जून को भारत के अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अमेरिका के केप कैनेवरल से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर निकलेंगे। शुभांशु शुक्ला इतिहास रचते हुए 11 जून को आईएसएस पहुंचेंगे। ये एक्स-4 मिशन का हिस्सा है। जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग को दिखाता है। सुभांशु शुक्ला को एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के उस ड्रैगन कैप्सूल से अंतरिक्ष में जाना है, जिसके जरिए सुनीता विलियम्स धरती पर वापस आई थीं। ड्रैगन कैप्सूल से अंतरिक्ष यात्रा आसान और सस्ती हो गई है। पहले शुभांशु शुक्ला को 8 जून को आईएसएस के लिए उड़ान भरनी थी, लेकिन इस तारीख को बदलकर 10 जून किया गया है। शुभांशु को स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस ने इस यात्रा के लिए खास ट्रेनिंग दी है।

एक्स-4 मिशन स्पेसएक्स का 53वां मिशन होगा, जिसमें ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल किया जाएगा। आईएसएस पहुंचने के बाद शुभांशु शुक्ला कुल 12 प्रयोग करेंगे। इनमें से 7 प्रयोगों को भारतीय शिक्षण संस्थानों ने तैयार किया है। ये 7 प्रयोग पौधों के बीज और मानव पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का असर देखने से जुड़े हुए हैं। अन्य जैविक प्रयोग भी शुभांशु शुक्ला करेंगे। इसके अलावा नासा के लिए वो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर मानव से संबंधित 5 और प्रयोग करेंगे। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में शुभांशु शुक्ला का मिशन बहुत अहम है। भारत खुद भी गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने वाला है। ऐसे में शुभांशु शुक्ला का आईएसएस मिशन गगनयान की तैयारी में काफी उपयोगी साबित होने वाला है।

गुरुवार को ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के बीच काफी विवाद हुआ है। पहले लग रहा था कि शुभांशु के मिशन पर इसका असर न पड़ जाए, लेकिन नासा और एक्सिओम ने बताया है कि मिशन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और वक्त पर ही ड्रैगन कैप्सूल शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आईएसएस के लिए उड़ान भरेगा। भारत ने अंतरिक्ष में भेजने के लिए 4 गगनयान यात्रियों का चयन किया है। इनमें शुभांशु शुक्ला के अलावा कैप्टन प्रशांत नायर भी हैं। भारत ने गगनयान मिशन पर अब तक करीब 550 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस रकम से लॉन्च के साथ ही गगनयान अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग भी शामिल है। गगनयान यात्रियों की ट्रेनिंग इसरो के अलावा रूस में भी हुई है। इसरो ने गगनयान भेजने के लिए साल 2026 को तय किया है। इससे पहले गगनयान में अंतरिक्ष यात्री का पुतला भेजकर ट्रायल किया जाना है।