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Power To Navy: आज नौसेना में शामिल होगा ये घातक हथियार, बिना दिखे दुश्मन को हिला सकती है ‘वेला’

हिंद महासागर में चीन के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि 21 नवंबर को नौसेना ने एक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत विशाखापत्तनम को भी अपने बेड़े में शामिल किया।

मुंबई। भारतीय नौसेना की ताकत में आज फिर इजाफा होने जा रहा है। मुंबई के मझगांव डॉक में तैयार पनडुब्बी आईएनएस वेला को आज नौसेना के सिपुर्द किया जा रहा है। ये स्टेल्थ फीचर की पनडुब्बी है। यानी दुश्मन देश इसके बारे में बिल्कुल पता नहीं कर सकेगा। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि रडार या सोनार के सिग्नल वेला के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं कर सकेंगे। इस पनडुब्बी में घातक हथियार लगे हैं। इनमें पानी के भीतर से दागी जा सकने वाली मिसाइलें और टॉरपीडो हैं। फ्रांस से मिली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी की डिजाइन पर मझगांव डॉक ने वेला पनडुब्बी बनाई है। स्कॉर्पीन श्रेणी की ये चौथी पनडुब्बी है। आईएनएस वेला के कमांडिंग अफसर अनीष मैथ्यू हैं। मैथ्यू का कहना है कि ये गर्व का मौका है। मैथ्यू के मुताबिक इस पनडुब्बी में बैटरी और स्वदेशी आधुनिक संचार व्यवस्था है।

 

पलक झपकते ही दुश्मन को ये पनडुब्बी देख सकेगी। स्टेल्थ फीचर के कारण इसे देखना आसान नहीं होगा। इस वजह से ये दुश्मन के इलाके में पहुंचकर उसकी पनडुब्बियों और जहाजों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम होगी। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि 21 नवंबर को नौसेना ने एक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत विशाखापत्तनम को भी अपने बेड़े में शामिल किया। मिसाइल विध्वंसक पोत और चौथी स्कॉर्पीन की पनडुब्बी के शामिल होने से नौसेना को काफी ताकत मिलने की उम्मीद है।

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स्कॉर्पीन श्रेणी की कुल 6 पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं। आने वाले दिनों में 2 और पनडुब्बी नौसेना को मिल जाएंगी। इसके अलावा देश में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का दौर भी आ गया है। पहली परमाणु पनडुब्बी अरिहंत नौसेना के पास है। अरिघात नाम की दूसरी पनडुब्बी नौसेना के लिए बनाई जा रही है। इन पनडुब्बियों से लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलें भी दुश्मन के खिलाफ लॉन्च की जा सकेंगी।