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Satyendra Jain Bail: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को दी 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत, ख़राब तबियत का हवाला

Satyendra Jain Bail: इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश वकील ने कहा सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में जेल और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं लिहाजा एलएनजेपी अस्पताल की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। हमारी डिमांड है कि एम्स के डॉक्टरों का एक स्वत्रंत मेडिकल बोर्ड उनके स्वास्थ्य की जांच करे और उसके आधार पर अगर ऐसा लगता है कि उनको जमानत दी जानी चाहिए तो अदालत अपना फैसला लेने के लिए पूर्ण रूप से आजाद है।

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नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग केस में सर्वोच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनट मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत दी है। बीते एक साल से जेल के चाहरदीवारियों में कैद सत्येंद्र जैन को 6 हफ़्तों की अंतरिम जमानत मिल गयी यही। जैन के लगातार गिरते स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ये जमानत सुप्रीम कोर्ट ने दी है। बीते कुछ समय से सत्येंद्र जैन बीमार चल रहे थे। गुरुवार को वो जब जेल के वाशरूम में गए तो वहां गश खाकर गिर पड़े, जिसके बाद फ़ौरन उनको एलएनजेपी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इससे पहले जब कोर्ट के भीतर सुनवाई हो रही थी तब सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत को लेकर की जाने वाली सुनवाई का ईडी ने विरोध जताया था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश वकील ने कहा सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में जेल और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं लिहाजा एलएनजेपी अस्पताल की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। हमारी डिमांड है कि एम्स के डॉक्टरों का एक स्वत्रंत मेडिकल बोर्ड उनके स्वास्थ्य की जांच करे और उसके आधार पर अगर ऐसा लगता है कि उनको जमानत दी जानी चाहिए तो अदालत अपना फैसला लेने के लिए पूर्ण रूप से आजाद है।

गौर करने वाली बात ये है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बुरी तरह फंसे सत्येंद्र जैन को लेकर अदालत में दायर की गई जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने कहा, मैं आज सिर्फ स्वास्थ्य आधार पर जमानत दिए जाने की डिमांड रखता हूं। इस पर ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसीटर जनरल पी एस राजू ने कहा, एम्स के पैनल की तरफ से स्वास्थ्य जांच हो। हम LNJP की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते है, यह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं, डॉक्टरों को जानते हैं। इनकी जांच एम्स या RML के पैनल से करवाई जानी बेहद जरूरी है।

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