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Supreme Court Notice To Mosque Committee And ASI In Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष और एएसआई को जारी किया नोटिस

Supreme Court Notice To Mosque Committee And ASI In Gyanvapi Case : हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ पाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष और एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।

नई दिल्ली। काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर मस्जिद के अंदर ‘वज़ूखाना’ के सील क्षेत्र का एएसआई सर्वेक्षण करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी किया है। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ पाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष और एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के विषय में जानकारी देते हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ज्ञानवापी के सील किए गए क्षेत्र की एएसआई जांच की मांग करते हुए बहुत ही सीमित अंतरिम आवेदन के तहत मामले को अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। 16 मई, 2022 को, हमने दावा किया कि तथाकथित वज़ू क्षेत्र में ‘शिवलिंग’ पाया गया था। जबकि अंजुमन इंतजामिया कमेटी इसका खंडन करती है। कमेटी का कहना है कि वज़ू क्षेत्र में जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वह एक फव्वारा है। हमने इस वज़ू क्षेत्र की एएसआई जांच की मांग की थी और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आईए (अंतरिम आवेदन) दायर किया था जिसे सूचीबद्ध किया गया था।

इसमें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आज इस मामले में नोटिस जारी किया गया है और कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी और एएसआई को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही सभी मामले 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध किए जाएंगे। आपको बता दें कि हिंदू पक्ष शुरू से इस बात का दावा कर रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर परिसर था जिसे मुगल शासक ने मस्जिद में तब्दील कर दिया। इस मामले से संबंधित कई याचिकाएं वाराणसी की जिला अदालत में भी दाखिल की गई हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा हिंदुओं के दावे का खंडन किया जा रहा है।