नई दिल्ली। काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर मस्जिद के अंदर ‘वज़ूखाना’ के सील क्षेत्र का एएसआई सर्वेक्षण करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी किया है। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ पाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष और एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।
Kashi Vishwanath-Gyanvapi mosque case: Supreme Court issues to Gyanvapi mosque management committee and Archaeological Survey of India (ASI) on a plea of some Hindu petitioners for conducting ASI survey of the sealed area of ‘Wazukhana’ area inside the mosque.
“Shivling” is said… pic.twitter.com/nrTZC1Z7rj
— ANI (@ANI) November 22, 2024
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के विषय में जानकारी देते हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ज्ञानवापी के सील किए गए क्षेत्र की एएसआई जांच की मांग करते हुए बहुत ही सीमित अंतरिम आवेदन के तहत मामले को अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। 16 मई, 2022 को, हमने दावा किया कि तथाकथित वज़ू क्षेत्र में ‘शिवलिंग’ पाया गया था। जबकि अंजुमन इंतजामिया कमेटी इसका खंडन करती है। कमेटी का कहना है कि वज़ू क्षेत्र में जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वह एक फव्वारा है। हमने इस वज़ू क्षेत्र की एएसआई जांच की मांग की थी और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आईए (अंतरिम आवेदन) दायर किया था जिसे सूचीबद्ध किया गया था।
#WATCH | Delhi: Advocate Vishnu Shankar Jain says, “Today, the matter was listed before the Court in a very limited IA seeking ASI investigation of the sealed area. On May 16, 2022, we claimed that a ‘Shivling’ was found in the so-called ‘Wazu Tank’ area. The Anjuman Intezamia… https://t.co/LcsfYF9kiG pic.twitter.com/NUB4KjfSAM
— ANI (@ANI) November 22, 2024
इसमें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आज इस मामले में नोटिस जारी किया गया है और कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी और एएसआई को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही सभी मामले 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध किए जाएंगे। आपको बता दें कि हिंदू पक्ष शुरू से इस बात का दावा कर रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर परिसर था जिसे मुगल शासक ने मस्जिद में तब्दील कर दिया। इस मामले से संबंधित कई याचिकाएं वाराणसी की जिला अदालत में भी दाखिल की गई हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा हिंदुओं के दावे का खंडन किया जा रहा है।