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Supreme Court: पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मॉनिटरिंग करने के लिए गठित की कमेटी

Supreme Court: अदालत ने कहा कि, राज्यों के तर्कों पर चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि अगर पराली जलाने से प्रदूषण नहीं हो रहा तो फिर प्रदूषण हो क्यों रहा है। यह जानना जरूरी है।

supreme court on stubble burning

नई दिल्ली। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पराली से प्रदूषण को रोकने के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर होंगे जो पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलने के मामलों की मॉनिटरिंग करेग। बता देंं कि पराली मसले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें देश की सर्वोच्च अदालत ने एक सदस्यीय समिति का गठन किया। हालांकि सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताई। गौरतलब है कि हर साल सर्दियों से पहले पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने से इन राज्यों सहित राजधानी दिल्ली में  वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। प्रदूषण का लेवल इतना बढ़ जाता है कि लोगों का सांस लेना भी दूभर हो जाता है। इस साल तो कोरोना जैसी महामारी भी है, ऐसे में सांस लेने की दिक्कत होने से मामला और गंभीर हो सकता है।

stubble burning

 

बता दें कि जस्टिस लोकुर समिति हरेक 15 दिन में सुप्रीम कोर्ट को पराली जलाने कि गतिविधि रोकने के मसले पर रिपोर्ट देगी। अब मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि संबंधित राज्य सरकारें जस्टिस लोकुर समिति को उचित सुविधा मुहैया कराएंगी, जिसमें सेक्रेट्रिएट, सुरक्षा और फाइनेंशियल सुविधाएं शामिल हैं।

अदालत ने कहा कि, राज्यों के तर्कों पर चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि अगर पराली जलाने से प्रदूषण नहीं हो रहा तो फिर प्रदूषण हो क्यों रहा है। यह जानना जरूरी है। हम चाहते हैं कि एनसीआर में लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा मुहैया हो।

supreme court

वहीं सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार का तर्क है कि दिल्ली जो भी प्रदूषण दिखाई दे रहा है, उसका कारण हम नहीं है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली में प्रदूषण की वजह वे नहीं हैं क्योंकि उनकी तरफ से अदालत के हरेक निर्देश का अक्षरश: अनुपालन हो रहा है। वहीं यूपी, हरियाणा ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। याचिकाकर्ता ने ही पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की नियुक्ति की गुजारिश की थी। जिसपर कोर्ट तैयार हो गया।

पराली से होने वाले प्रदूषण की मॉनिटरिंग करने के लिए जो कमेटी बनाई गई है, उसमें पंजाब, हरियाणा और यूपी के चीफ सेक्रेटरी जस्टिस लोकुर को सहयोग करेंगे। ये कमेटी फिजिकल सर्वे करेगी। एनसीसी/ एन एस एस और भारत स्काउट गाइड को निरीक्षण का जिम्मा देने को भी कहा गया है।