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Supreme Court Lashes On Congress Govt Of Telangana: कांचा गोचीबोवली में पेड़ों की कटाई पर कांग्रेस की तेलंगाना सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- जगह को दुरुस्त करने की योजना बताएं वरना…

Supreme Court Lashes On Congress Govt Of Telangana: जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम वीडियो देखकर हैरान हैं। शाकाहारी जानवर शरण की तलाश में भाग रहे हैं और आवारा कुत्ते उनको काटते दिख रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि निजी वनों में भी पेड़ काटने के लिए कोर्ट से मंजूरी चाहिए होती है। तेलंगाना सरकार बताए कि पेड़ों को बचाने के लिए उसके पास क्या योजना है? कोर्ट ने कहा कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्या थी कि एक साथ इतने बुलडोजर लगाए गए।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद के कांचा गोचीबोवली इलाके में जंगल में पेड़ों की कटाई मामले में कांग्रेस की तेलंगाना सरकार को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान तेलंगाना सरकार पर सवाल खड़े किए। देश की सबसे बड़ी अदालत ने पूछा कि अगर तेलंगाना सरकार अपने मुख्य सचिव को बचाना चाहती है, तो बताए कि उस 100 एकड़ जमीन को किस तरह बहाल करेगी? जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उस वीडियो पर हैरानी जताई जिसमें जंगल कटाई के दौरान उसमें रहने वाले जानवर शरण के लिए भागते दिख रहे थे। कोर्ट ने कहा कि वो नौकरशाहों और मंत्रियों की व्याख्या पर नहीं चलेगा। बता दें कि यहां लोगों ने इसके खिलाफ विरोध भी जताया था।

जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम वीडियो देखकर हैरान हैं। शाकाहारी जानवर शरण की तलाश में भाग रहे हैं और आवारा कुत्ते उनको काटते दिख रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि निजी वनों में भी पेड़ काटने के लिए कोर्ट से मंजूरी चाहिए होती है। तेलंगाना सरकार बताए कि पेड़ों को बचाने के लिए उसके पास क्या योजना है? कोर्ट ने कहा कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्या थी कि एक साथ इतने बुलडोजर लगाए गए। कोर्ट ने कहा कि उसे समाधान बताया जाए, वरना ये नहीं पता कि तेलंगाना के कितने अफसरों को अस्थायी रूप से जेल जाना होगा। कोर्ट ने कहा कि 3 दिन की छुट्टी के दौरान इलाके में पेड़ों को काटने के लिए बुलडोजर लगाए गए। जस्टिस गवई ने कहा कि हम यहां पर्यावरण की रक्षा के लिए हैं, उसके नुकसान की चिंता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भाषा के खिलाफ कोई भी कानून माना नहीं जाएगा। कोर्ट ने कहा कि वो सिर्फ इस पर ध्यान दे रहा है कि राज्य सरकार की मंजूरी के बगैर कितने पेड़ काटे गए। अगर कुछ करना था, तो मंजूरी लेनी चाहिए थी। कोर्ट ने तेलंगाना सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ये राज्य पर निर्भर करता है कि वो अपने कुछ अफसरों को अस्थायी जेल में भेजना चाहती है या नहीं। सरकार से कोर्ट ने ये भी पूछा कि वो जानवरों को बचाने के लिए क्या कर रही है। बता दें कि हैदराबाद के कांचा गाचीबोवली इलाके में 400 एकड़ जमीन पर पेड़ हटाने का काम शुरू हुआ था। इस पर हायतौबा मचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए 3 अप्रैल को वहां सभी काम रोकने का आदेश दिया था। साथ ही तेलंगाना के मुख्य सचिव से विस्तृत हलफनामे में जवाब भी तलब किया था।